
नईदुनिया न्यूज, कोरबा। वन मंडल कोरबा अपनी समृद्ध जैव-विविधता और दुर्लभ वन्यजीवों के लिए जाना जाता है। यहां कई बार ऐसे जीव देखने को मिलते हैं जिनसे आम लोग चकित रह जाते हैं। इसी कड़ी में जिले के पसरखेत गांव में कल शाम चार बजे के लगभग विशालकाय किंग कोबरा को देख लोगों के होश उड़ गए। एकाएक इतने बड़े विषधर सांप को देखकर ग्रामीणों में दहशत फैल गई और लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई।
घटना की जानकारी तत्काल वन विभाग और नोवा नेचर वेलफेयर सोसायटी की टीम को दी गई। सूचना मिलते ही रेस्क्यूअर जितेंद्र सारथी ने मामले की जानकारी कोरबा डीएफओ प्रेमलता यादव को दी। विभागीय अधिकारियों के साथ जितेंद्र सारथी अपनी टीम के एम सूरज, सिद्धांत जैन, बबलू मारवा के साथ तुरंत उस स्थान के लिए कोरबा से रवाना रवाना हुए। गांव पहुंचने के बाद सबसे पहले ग्रामीणों को सुरक्षित दूरी पर किया गया और फिर तय प्रोटोकॉल के तहत रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया।
करीब एक से डेढ़ घंटे तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में किंग कोबरा ने बार-बार फुफकार कर अपना रौद्र रूप दिखाया। सांप के इस व्यवहार को देख ग्रामीणों की सांसें थम गईं। हालांकि धैर्यपूर्वक और सावधानी से काम करते हुए आखिरकार टीम ने किंग कोबरा को सुरक्षित थैले में डालने में सफलता प्राप्त की। सफल रेस्क्यू के बाद गांव और घर के लोगों ने राहत की सांस ली साथ ही कहा किंग कोबरा (पहाड़ चित्ती) हमारे क्षेत्र का धरोहर हैं, जिसका संरक्षण करना ज़रूरी हैं।
रेस्क्यू के बाद नियमानुसार पंचनामा तैयार किया गया और फिर किंग कोबरा को उसके प्राकृतिक आवास क्षेत्र के घने जंगल में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया गया। कोरबा डीएफओ प्रेमलता यादव ने आमजनों से आग्रह करते हुए कहा कि किंग कोबरा, जिसे स्थानीय भाषा में पहाड़ चित्ती भी कहा जाता है, जब भी आप के घरों के आस पास किंग कोबरा या अन्य कोई सांप दिखाई दे तो वन विभाग को सूचना दें। उन्होने बताया इसकी लंबाई 20 फीट तक या इससे भी ज्यादा हो सकती है।
यह अन्य सांपों को खाकर जीवित रहता और उनकी जनसंख्या नियंत्रित करता है और विश्व का एकमात्र सांप है, जिसकी मादा अपने अंडों के लिए पत्तों का घोंसला बनाती है और लगभग तीन माह तक उस घोंसले की रक्षा करती है। यह विशेषता इसके मातृत्व की अनोखी प्रवृत्ति को दर्शाती है।