नईदुनिया न्यूज, गेवरा : पिछले पच्चीस वर्षों से श्रमिक संगठन एचएमएस ने सदस्यता के मामले मे गेवरा क्षेत्र एवं गेवरा प्रोजेक्ट में अपना दबदबा बनाकर रखा है। इस बार भी नंबर वन पर पहुंचने में कामयाब रहा है। सोमवार को सत्यापन के बाद फाइनल स्थिति सामने आई है उसके अनुसार एसईसीएल गेवरा प्रोजेक्ट में एचएमएस संगठन पहले ही दिन 414 सदस्यों के साथ आगे रही। दूसरे दिन सोमवार को मिले आकड़े अनुसार एचएमएस को 165, एसकेएमएस 150, इंटक 81, बीएमएस 65, केएमपी पांच, नोटा 85 ने विश्वास जताया।
नईदुनिया न्यूज, कोरबा : कोयला मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के दौरान कोल इंडिया के लिए 838 मिलियन टन का उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया है जबकि पिछले वित्त वर्ष मे कोल इंडिया का 780 मिलियन टन था पर 773 मिलियन टन कोयला उत्पादन हो सका। यह निर्धारित लक्ष्य से सात मिलियन कम रहा।
इंडियन माइंस वर्कर्स फेडरेशन एटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपेश मिश्रा ने कहा कि कोयला मंत्रालय द्वारा हर वर्ष कोल इंडिया प्रबंधन के लिए कोयला उत्पादन का ही लक्ष्य निर्धारित किया जाता है, इसके खिलाफ नहीं है क्योंकि कोयला ही देश में जरूरी उर्जा का प्रमुख स्रोत है। इससे बिजली उत्पादन होता है परंतु कोयला मंत्रालय को कायदे से कोयला के साथ दूसरे दायित्व का भी लक्ष्य कोल इंडिया के लिए निर्धारित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया एक सार्वजनिक उपक्रम है और श्रमिक कल्याणकारी कार्य के साथ समाज में कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत किए जाने वाले कार्यों का भी हर वर्ष लक्ष्य निर्धारित किया जाना चाहिए।
इसी तरह वह स्थान जहां पर कोयला खनन के चलते जनजीवन प्रभावित होता है वहां के स्थानीय निवासियों के कल्याण के लिए के लिए भी हर वर्ष कोल इंडिया की जवाबदेही तय किया जाना चाहिए, इसके साथ ही छमाही इसकी समीक्षा भी होनी चाहिए। आउटसोर्सिंग के माध्यम से कोयला उत्पादन किया जाता है उसके कामगारों को हाई पावर कमेटी द्वारा निर्धारित वेतनमान सुनिश्चित करने के साथ ही ठेका कामगारों के कल्याण कार्यक्रम का भी लक्ष्य निर्धारित होना चाहिए।
मिश्रा ने कहा कि कोल इंडिया प्रबंधन सिर्फ कोयला उत्पादन लक्ष्य को ही तरजीह देती है क्योंकि लक्ष्य प्राप्त करने पर ही उच्च अधिकारी तरक्की पाने के हकदार बनते हैं इसलिए दीगर महत्वपूर्ण कार्यों को वे पूरी तरह अनदेखा करते रहते हैं। मिश्रा ने कहा कि कोयला मंत्रालय द्वारा उत्पादन लक्ष्य के साथ सामाजिक जन कल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए भी हर वर्ष कोल इंडिया का लक्ष्य निर्धारित करना चहिए।