कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। छात्र-छात्राओं में कला के प्रति रूची और उनमें अपने भीतर की प्रतिभा के प्रकटीकरण का उद्देश्य रखते हुए मिट्टी के गणेश बनाओ स्पर्धा रखी गई। गुरूवार को आयोजित इस स्पर्धा में विद्यार्थियों ने स्वयं ही मिट्टी एकत्र कर उसे मूर्ति गढ़ने योग्य बनाया और रासायनिक की बजाय प्राकृतिक रंगों का उपयोग कर सुंदर आकृति प्रदान की। स्पर्धा में सबसे उम्दा प्रदर्शन कर गणेश जी सुंदर मूर्तियां बनाने वाले कक्षा दसवीं के छात्र जगदीश सुंडी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
शासकीय हाई स्कूल स्याहीमुड़ी की प्राचार्य डा फरहाना अली ने बताया कि पूर्व में प्रतिमाएं प्लास्टर आफ पेरिस की बनती थी जो जल को प्रदूषित करती हैं। बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि मिट्टी से बने प्रतिमाओं को ससम्मान जल में विसर्जित किया जा सकता है। बच्चों द्वारा बनाई गई प्रतिमाएं एवं उनकी भावनाएं प्रकृति प्रेम का जीवंत उदाहरण है। इको क्लब प्रभारी व्याख्याता पुष्पा बघेल ने बच्चों को मिट्टी से प्रतिमा बनाने की कला सिखाई। उन्होंने बताया कि पहले किसी साफ स्थान से मिट्टी लेकर उसे पानी में घोलते हैं और मिट्टी से कचरे कंकड़ पत्थर को छानकर अलग कर लेते हैं। फिर मिट्टी को कपड़े की पोटली में लटकाकर उसमें से अतिरिक्त पानी निकाल देंगे। मिट्टी को आटा की तरह गूंथ लेना है। उसके बाद तिनके और दियासलाई की सहायता से उसे प्रतिमा का आकार देना है। प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करने से विसर्जन के पश्चात जलीय जीवों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। हल्दी से पीला रंग चूना और हल्दी के मिश्रण से लाल रंग चूने से सफेद रंग पत्तियों से हरा रंग एवं फूलों से विभिन्ना रंग बनाए जा सकते हैं। इस प्रतियोगिता में बच्चों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया और एक से बढ़कर एक सुंदर प्रतिमाएं बनाईं। स्पर्धा में सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी जगदीश सुंडी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसी तरह संदीप प्रजापति द्वितीय एवं नीरज ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम में व्याख्याता सरोजिनी उइके ने विशेष योगदान दिया। कार्यक्रम में नरेंद्र कुमार राठौर एवं प्रभा साव भी उपस्थित थे।
भीतर की प्रतिभा को प्रकट करने का गुण
प्राचार्य डा फरहाना अली ने कहा कि कला प्रतियोगिताएं विद्यार्थियों की कल्पना उत्सुकता सौंदर्य अनुभूति को विकसित कर उनकी संवेदनशीलता और सृजनशीलता को विकसित करती है। इनके माध्यम से विद्यार्थियों में स्वयं को समझने एवं अपने भीतर की प्रतिभा को प्रकट करने का गुण विकसित होता है। विद्यार्थियों में इसी गुण को विकसित करने के लिए शासकीय हाई स्कूल स्याहीमुड़ी में गणेश चतुर्थी के अवसर पर विद्यालय के इको क्लब की ओर से मिट्टी से गणेश जी की प्रतिमा बनाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।