
कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। चालू वित्तीय वर्ष का नौ माह गुजर गया, पर साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की खदान एक हजार लाख टन कोयला उत्पादन नहीं कर सकी। शेष 90 दिन में उत्पादन का 1720 लाख टन लक्ष्य हासिल करने कंपनी को प्रतिदिन लगभग नौ लाख टन कोयला निकालना होगा। अब तक 918.4 लाख टन ही कोयला निकल सका है। कंपनी की तीनों मेगा परियोजना कुसमुंडा, गेवरा समेत दीपका भी अपने लक्ष्य से पीछे चल रही है।
वित्तीय वर्ष के अप्रैल से दिसंबर तक कोयला उत्पादन के आंकड़े सामने आने के साथ ही एसईसीएल प्रबंधन चिंतित हो उठा है। कंपनी ने नौ माह के भीतर 1171.6 लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा था, पर कंपनी इससे 253.2 लाख टन पीठे रह गई। अब प्रबंधन की नजर मेगा परियोजना गेवरा, दीपका व कुसमुंडा खदान पर टिकी हुई है। कंपनी को 1720 लाख टन का लक्ष्य है। बताया जा रहा है कि उत्पादन में पीछे रहने की वजह से उत्पादन लक्ष्य अंदरूनी तौर पर घटा दिया गया है, पर अधिकारी इस संबंध में कुछ भी खुल कर नहीं बोल रहे हैं। तीनों मेगा परियोजना के पीछे चलने की मुख्य वजह पहले कोरोना संक्रमण काल, फिर बारिश और उसके बाद भू- विस्थापितों के आंदोलन की वजह से खदान बंद होना है। कंपनी ने प्रतिदिन 5.60 लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा है पर अभी तक अधिकतम पांच लाख टन ही कोयला उत्पादन हो पा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने के लिए कंपनी को शेष अवधि में 801.6 लाख टन कोयला निकालना है, यानी प्रतिदिन नौ लाख टन उत्पादन होगा, तभी लक्ष्य हासिल करने में सफलता मिलेगी। कंपनी से जुड़े जानकारों का कहना है कि कंपनी ने अभी 910 लाख टन से ज्यादा कोयला निकाला है, पर यह आंकड़ा पिछले वर्ष की अपेक्षा अधिक है। वहीं कंपनी भले ही अभी पीछे चल रही है, पर शेष माह में उत्पादन बढ़ा कर लक्ष्य के करीब पहुंचा जा सकता है। इसके लिए तीनों खदान पर जोर देना होगा। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि चालू वित्तीय वर्ष में गेवरा को 490, दीपका को 400, कुसमुंडा को 450 लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है। यहां बताना लाजिमी होगा कि पिछले अप्रैल से दिसंबर में हुए उत्पादन की अपेक्षा इस बार कंपनी ने ज्यादा कोयला उत्पादन किया।
अप्रैल से दिसंबर तक उत्पादन (लाख टन में)
कंपनी- उत्पादन
इसीएल- 212.4
बीसीसीएल- 200.9
सीसीएल- 427.8
एनसीएल- 863.6
डब्ल्यूसीएल- 342.1
एसईसीएल- 918.4
एमसीएल- 1171.2
कुल- 4136.3
दिसंबर में केवल 602.2 लाख टन उत्पादन
कोल कंपनियों ने दिसंबर माह में 682 की अपेक्षा 602.2 लाख कोयला उत्पादन किया। इसमें इसीएल 29, बीसीसीएल 28.5, सीसीएल 64.1, एनसीएल 112.4 डब्ल्यूसीएल 58.1, एसईसीएल 141.6 व एमसीएल ने 168.5 लाख टन कोयला उत्पादन किया। कोल इंडिया को चालू वित्तीय वर्ष में 6700 लाख टन कोयला उत्पादन करने का लक्ष्य है। इस बार अभी तक 1171.2 लाख टन कोयला उत्पादन कर महानदी कोल फिल्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) फिलहाल नंबर एक पर है।
कोयला ढुलाई में भी पीछे
एसईसीएल समेत कोल इंडिया लिमिटेड कोयला प्रेषण (डिस्पैच) में भी पीछे चल रही है। 5601 लाख टन कोयला नौ माह में प्रेषण करना था, पर अभी तक 4817.2 लाख टन ही कोयला प्रेषण हो सका। इसमें एसईसीएल ने 1133.2, इसीएल ने 264.2, बीसीसीएल ने 230.5, सीसीएल ने 514.1, एनसीएल ने 921.9, डब्ल्यूसीएल ने 459.6 तथा एमसीएल ने 1293.8 लाख टन कोयला प्रेषण किया। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) को चालू वित्तीय वर्ष में 670 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, पर उत्पादन के आंकड़े से ऐसा लग रहा है कि यह लक्ष्य भी नहीं मिल सकेगा।