कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। लाकडाउन लागू होने से बंद ट्रेन का पुनः शुरू कराने रेल प्रबंधन ने अभी तक पहल नहीं की। आंदोलन के लिए दौरान मांगी गई 15 दिन की अवधि भी गुरूवार को समाप्त हो रही है। मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी (माकपा) ने दो दिन का अतिरिक्त वक्त देते हुए कहा है कि इस दौरान ट्रेन शुरू नहीं की गई तो 21 को बैठक कर मालगाड़ी रोकने की रूपरेखा तैयार की जाएगी। मालगाड़ी कब रोकेंगे, इसकी जानकारी देने के बजाए सीधे आंदोलन किया जाएगा।
कोरोना संक्रमण से लागू हुए लाकडाउन की वजह मार्च 2020 में ट्रेन का परिचालन बंद कर दिया था। स्थिति सामान्य होने में धीरे- धीरे होने लगी और रेल प्रबंधन ने भी ट्रेन चलाना शुरू कर दिया है। कोरबा- गेवरारोड़ रेल खंड में ही ट्रेन का परिचालन करने के बजाए मालगाड़ी पर जोर दिया जा रहा है। इससे क्षेत्रवासियों में नाराजगी बढ़ गई है। आवागमन का साधन नहीं होने से बाहर आने जाने में भी दिक्कत हो रही है। माकपा ने रेल रोको आंदोलन के दौरान रेलवे के अधिकारियों ने 15 दिन की मोहलत मांगी थी। इस पर माकपा ने समय देते हुए कहा था कि निर्धारित समय पर समस्या का निदान नहीं हुआ, तो कभी भी उग्र आंदोलन कर मालगाड़ी रोकी जाएगी। मोहलत की अवधि 18 फरवरी को पूरी हो रही है। माकपा के जिला उपसचिव वीएम मनोहर का कहना है कि रेल प्रबंधन की ओर अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हो सकी है, अब उग्र आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दो दिन का अतिरिक्त वक्त रेलवे को दिया जा रहा है। 21 फरवरी को माकपा की बैठक आयोजित की जाएगी और मालगाड़ी रोकने की रूपरेखा तैयार होगी। इस बार ट्रेन परिचालन शुरू होने पर ही आंदोलन स्थगित किया जाएगा। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि रेल प्रबंधन ने गेवरारोड़-कोरबा- रायपुर व रायपुर-कोरबा-गेवरारोड़ मेमू व बिलासपुर से आने वाली पैसेंजर (छत्तीसगढ रैक) के परिचालन की अनुमति रेलवे बोर्ड से ले ली है, पर अभी तक परिचालन करने नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। संभावना जताई जा रही है कि रेल प्रबंधन जल्द ही ट्रेन परिचालन की तिथि जारी करने के साथ ट्रेन शुरू कर देगा।