
बालकोनगर (नईदुनिया न्यूज)। बुधवार को हजरत गौस पाक की याद में मनाए जाने वाले ग्यारहवीं शरीफ पर्व के मौके पर बालकोनगर स्थित गौसिया मस्जिद परिसर में महिलाओं का जलसा कार्यक्रम हुआ।
इसमें बालकोनगर क्षेत्र की इस्लाम धर्म की महिलाएं बड़ी संख्या में जुटीं।
बुशरा खातून ने हजरत गौस पाक की पवित्र जीवनी व उनकी तालीमात पर तकरीर पेश की। उन्होंने कहा कि हमें हजरत गौस पाक के आदर्श जीवन से सीख लेनी चाहिए। हजरत हमेशा सच बोला करते थे। अल्लाह ने गौस ए आजम को वह बलुंद मुकाम अता फरमाया कि वह अपनी नजर ए वलायत से वह सब कुछ देख लेते, जहां तक किसी आम इंसान की नजर, अक्ल व सोच भी नहीं जाती। हमारे अंदर अल्लाह का खौफ और अल्लाह के प्रति समर्पण के साथ-साथ उनसे उम्मीद भी रखनी चाहिए, क्योंकि अल्लाह देने वाला है और वह दुआएं कुबूल करता है। इसके पूर्व छात्रा शमा नूर और उम्मूल खैर ने नात पेश की। जलसा कार्यक्रम का संचालन तस्सू नाज ने किया। यहां बताना होगा कि महान बुजुर्ग हजरत अब्दुल कादिर जीलानी को पीरों के पीर और गौस पाक के नाम से भी जाना जाता है। उनकी याद में ग्यारहवीं शरीफ मनाई जाती है। इस मौके तकरीरें और लंगर के आयोजन होते हैं। बालको इस्लामिक कल्चरल सोसायटी ने महिलाओं के इस जलसा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 27 नवंबर की रात्रि इशा की नमाज के बाद गौसिया मस्जिद में पुरुषों का जलसा कार्यक्रम होगा। 28 नवंबर को गौसिया मस्जिद, बालकोनगर परिसर में ग्यारहवीं शरीफ का लंगर होगा। बुधवार के जलसा कार्यक्रम को सफल बनाने में संरक्षक उस्मान खान, अध्यक्ष हाजी शहादत खान, नौशाद अली, मोहम्मद कलीम, इब्ने खान, मो. हारून, रियाज, हाजी वाजीद मोहम्मद, आलमगीर, यासीन अली, मुन्नाा खान, इश्हाक खान, शेख कैमूर, मस्सलाउद्दीन आदि का योगदान रहा।