कोरबा (नईदुनिया न्यूज)। श्रीमद् भागवत ज्ञान सप्ताह का आयोजन महामृत्युंजय महादेव मंदिर निगम कालोनी निहारिका में आयोजित किया गया है। डा प्रेमा शुक्ला द्वारा भागवत का रसपान कराया जा रहा है। उन्होंने कृष्ण जन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान कृष्ण के रूप मे जन्म लेने के लिए तैयार भगवान नारायण के द्वारा देवकी के गर्भ में जाने के पहले स्वर्ग से सभी देवी, देवता गोकुल नगरी में अपने मानव रूप में लेकर जन्म ले चुके थे।
डा प्रेमा शुक्ला ने कहा कि माता देवकी के गर्भ में भगवान कृष्ण जब पैदा होने वाले थे। तो बादलों की गड़गड़ाहट के साथ बरसात हो रही थी। बिजलियां गिर रही थी, चारों तरफ घोर अंधेरा था। ऐसे में स्वर्ग से एक प्रकाश की भांति भगवान नारायण देवकी के गर्भ में गए फिर भगवान कृष्ण के रूप में जन्म लिए। तभी वासुदेव को एक आकाशवाणी सुनाई दी। इस बालक को लेकर यमुना पार करके गोकुल में चले जाओ, जहां नंद बाबा के घर एक पुत्री की प्राप्ति हुई है । उसे लेकर यहां ले आओ । यही तुम्हारा बेटा बड़ा होकर दुष्ट कंस का वध करेगा। जेल में बंद देवकी वासुदेव की बेड़ियां खुल गई। उसके बाद वासुदेव ने एक टोकरी में भगवान कृष्ण को रखा और जैसे-जैसे आगे बढ़ते गए तो जेल के कारागार के दरवाजे खुलते गए। जितने भी सैनिक कारागार के बाहर पहरा दे रहे थे, सभी सोते हुए नजर आए। इस प्रकार वासुदेव कृष्ण को लेकर आगे बढ़ते गए, जहां यमुना नदी का तेज धार भगवान कृष्ण के चरण छूने के लिए हिलोरे मार रही थी। जैसे ही भगवान ने अपना पैर यमुना नदी के पानी में डाला, यमुना नदी शांत हो गई। वासुदेव ने गोकुल से नंद बाबा के घर उनकी पुत्री को टोकरी में भर कर ले आए और कृष्ण को वहीं छोड़ दिया। इस प्रकार कंस का उद्धार करने वाला भगवान नारायण अपने कृष्ण अवतार में जन्म लिए। इस अवसर पर मनीषा गिरी गोस्वामी, किरण तिवारी, आकांक्षा शुक्ला, मंजू सोनी, सरिता शांडिल्य, कामिनी वर्मा, पूनम सतपति एवं महामृत्युंजय महिला मंडल नगर निगम कालोनी निहारिका की सभी कार्यकर्ता उपस्थित थीं।