नईदुनिया प्रतिनिधि, कोरबा। शहर के गोपाल इंदिरा नगर में एक परिवार के तीन लोगों को रात में करैत सांप ने डस लिया। घटना में पिता-पुत्र की मौत हो गई है, वहीं मां की हालत गंभीर है। तीनों को सर्प दंश के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोपालपुर लाया गया। दवा उपलब्ध होने के बाद भी पीड़ितों की स्थिति को अधिक गंभीर बताते हुए मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। अस्पताल पहुंचने के बाद इलाज के दौरान दो की मौत हो गई। बालको प्लांट में ठेका कामगार के रूप में काम करने वाला 52 वर्षीय चूड़ामणि भारद्वाज, पत्नी 41 वर्षीय रजनी और 10 वर्षीय पुत्र प्रिंस के साथ कमरे में सोया हुआ था।
सोने से पहले इन लोगों ने इस बात की कल्पना बिल्कुल नहीं की थी कि क्या अगला दिन उनके जीवन में दुखद खबर लेकर आने वाला है। स्वजनों के अनुसार सुबह चार बजे के आसपास घर कमरे में घुस सर्प ने इन तीनों को डस लिया। इसकी नींद खुलने पर रजनी ने देखा कि बिस्तर पर सांप रेंग रहा था। घटना के बाद घर में कोहराम मच गया। पीड़ितों ने इसकी सूचना स्वजनों को दी। चूड़ामणि के भाई द्वारिका ने बताया कि उन्होंने कुछ ही देर में तीनों को तुरंत गोपालपुर के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। जहां अंदर से ताला बंद था।
आधा घंटा तक आवाज लगाने पर ड्यूटी पर तैनात महिला कर्मचारी बाहर आई और उसने कहा कि मरीजों की हालत गंभीर है, इन्हें मेडिकल कालेज अस्पताल ले जाएं। इसके बाद स्वजन तीनों को ऑटो में ही जिला मेडिकल अस्पताल लेकर पहुंचे। पिता और पुत्र की इलाज के दौरान ही मौत हो गई वही मां की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। स्वजनों ने आरोप लगाया है समय रहते अगर एंट्री स्नेक वेनम लग जाता तो जान बच सकती थी कहीं न कहीं बड़ी लापरवाही स्वास्थ्य कर्मी की सामने आई है।
सीएमएचओइस मामले में सर्प के द्वारा काटे जाने की घटना में दो व्यक्तियों की मौत को लेकर जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी एसएन केसरी ने बताया कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है। उन्होंने कहा कि एनएचएम स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल में होने की वजह से वैकल्पि व्यवस्था के तहत कुसमुंडा के एक महिला कर्मी को यहां नियुक्त किया गया था। अस्पताल में एंटी स्नेक वेनम की सुविधा थी। कर्मचारी ने पीड़ित को देखे बिना ही उसे रेफर कर दिया, जबकि उसे एंटी स्नेक वेनम लगाकर आगे भेजना था। निश्चित रूप से यह मामला लापरवाही का है। इसमें जांच के साथ आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जिले में सर्पदंश की घटना से हर साल तीस से भी अधिक लोगों की मौत हो जाती है। सर्वाधिक घटना जुलाई से अक्टूबर के बीच मानसून के दौरान होती है। कोबरा और करैत जैसे विषैले सांपों के आए दिन आवासीय परिसरों में निकलने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। जिला चिकित्सा विभाग की ओर से पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नेक वेनम के भंडारण का दावा किया जाता है लेकिन दवा उपलब्ध होते हुए भी लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है।