नईदुनिया प्रतिनिधि, कोरबा : जमीन में खजाना होने के संदेह पर तंत्र साधना करने के साथ ही बकरे की बलि देने की तैयारी कर रहे पांच लोगों को ग्रामीणों ने पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया। उनके पास से बकरा, नींबू समेत अन्य सामान मिला।
घटना बांगो थाना अंतर्गत ग्राम मातिन में सामने आया है। यहां गांव माती के बाहर स्थित एक भगवान राम एवं बजरंग मंदिर से कुछ दूरी पर पांच लोग पूजा अर्चना कर रहे थे। जानकारी मिलने पर ग्रामीण वहां पहुंच गए और पांचो को पकड़ लिया। इस बीच ग्राम सरपंच रमाकांत श्याम भी वहां पहुंचा और पकड़े गए लोगों से पूछताछ की। तो उन्होंने अपना नाम रामनाथ साहू 40 बिलासपुर चौक अंबिकापुर, रामवृक्ष दास पनिका 52 निवासी लखनपुर, ललन राम प्रजापति 52 निवासी पेंड्रा, चंद्ररास मानिकपुर 28 निवासी लखनपुर तथा शिवकुमार सारथी 32 निवासी लखनपुर का बताया। उन्होंने कहा कि मंदिर बनाने के लिए भूमिपूजन कर रहे हैं, पर ग्रामीणों को यह बात संदेहास्पद लगी।
सरपंच ने बताया कि गांव में पहले भी भगवान राम समेत अन्य प्राचीन मूर्तियां चोरी हो चुकी हैं और यह क्षेत्र काफी पुराना है। पुलिस ने कार्रवाई कर आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने मंदिर बनाने के लिए भूमिपूजन किए जाने से पहले किसी भी ग्रामवासी से न तो चर्चा की और नहीं अनुमति ली थी। उन्होंने संदेह जाहिर करते हुए कहा है कि यह क्षेत्र प्राचीन काल से है, इसलिए पकड़े गए पांचों लोग निश्चित ही जमीन के अंदर धन होने की उम्मीद में पूजा पाठ कर बलि दे रहे थे और गड़्ढा खोदने वाले थे, पर इसके पहले ही पकड़ लिए गए। सभी लोगों को ग्रामीणों ने पुलिस को सौंप दिया।
नईदुनिया प्रतिनिधि, कोरबा: पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के ग्राम पंचायत जलके आश्रित ग्राम टिकरा के पंडो जनजाति आदिवासी प्रधानमंत्री आवास सुविधा से वंचित हैं। वनभूमि पट्टा सूची में नाम शामिल है लेकिन पट्टा नहीं मिलने की वजह आवास योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।
इसकी शिकायत लेकर ग्रामीण कलेक्टोरेट पहुंचे थे। ग्रामीण शिव प्रसाद उदय ने बताया कि गांव तक पहुंचने सड़क तो बन चुकी है, लेकिन पेयजल, बिजली, आवास जैसी मूलभूत सुविधा का अभाव है। जिला प्रशासन से सुविधा के लिए कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। हमारा गांव जिला मुख्यालय 70 किलोमीटर दूर है। बार-बार समस्या से अवगत कराने नहीं आ सकते। गांव में प्रायमरी स्कूल है। मिडिल स्कूल की सुविधा नहीं होने की वजह से शाला त्यागी बच्चों की संख्या भी बढ़ रही है। ग्रामीणों वनभूमि पट्टा देने की मांग कलेक्टर से की है।