प्रदीप बरमैया कोरबा (नईदुनिया)
कोल इंडिया से संबद्ध साउथ इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की गेवरा खदान ने 500 लाख टन (50 मिलियन टन) कोयला उत्पादन करने का रिकार्ड बनाया है। यह देश की पहली सर्वाधिक कोयला उत्पादन करने वाली खदान बन गई है। इस उपलब्धि पर केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने ट्वीट पर खुशी जाहिर करते हुए एसईसीएल की टीम को शाबासी दी है। उन्होंने कहा है कि गेवरा का नाम कोयला खनन क्षेत्र के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।
छत्तीसगढ़ के कोरबा में संचालित गेवरा प्रोजेक्ट को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 525 लाख टन का उत्पादन लक्ष्य मिला है। गेवरा प्रोजेक्ट ने वित्तीय वर्ष समाप्त होने के 12 दिन पहले ही 500 लाख टन कोयला उत्पादन का कीर्तिमान स्थापित कर लिया है। कंपनी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डा. प्रेमसागर मिश्रा ने बताया कि वर्ष 1982 में 50 लाख टन कोयला उत्पादन के साथ इस परियोजना की शुरूआत हुई और उसके बाद 100, 120, 250 व 350 लाख टन उत्पादन किया गया। खदान अब 620 लाख टन के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है। हमारा लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2024-25 में गेवरा से 700 लाख टन कोयला उत्पादन करना है। ऐसा करते ही यह खदान उत्पादन के क्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा खदान बन जाएगी। इसके लिए 2023-24 वित्तीय वर्ष में पर्यावरणीय सुनवाई की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। डा.मिश्रा ने कहा कि एसईसीएल प्रतिदिन सात लाख टन कोयला उत्पादन कर रही है और यह गति आगे भी बनी रहेगी और हमें उम्मीद है 31 मार्च तक 1660 लाख टन से अधिक कोयला उत्पादन करेंगे। वर्तमान में 23 प्रतिशत ग्रोथ के साथ 1570 लाख टन कोयला निकल चुका है।
निकल रहा जी-11 ग्रेड कोयला
सीएमडी ने कहा कि 520 लाख टन कोयले में से एनटीपीसी को डेलिगेटेड माइन से 140 लाख टन, रेलवे वैगन से 220 लाख टन, रोड व वाशरी मोड के जरिए 150 लाख टन प्रेषित किए जाने की योजना प्रस्तावित है। खदान पिछले लगभग 40 वर्षों से देश की उर्जा आपूर्ति के लिए निरंतर प्रयासरत है। तकनीकी रूप से 1रू075 के औसत स्ट्रीपिंग रेशियो के साथ यहां जी-11 ग्रेड कोयला निकल रहा।
हौसला व जज्बा की कोई सीमा नहीं
पत्रकारों से चर्चा करते हुए सीएमडी ने कहा कि ऊंची छलांग, हौसला व जज्बा की कोई सीमा नहीं होती। सपना देखने के बाद उसे हासिल करने का प्रयास किया जाना चाहिए। हौसले बुलंद नहीं होते तो कंपनी इतना उत्पादन भी नहीं कर पाती। इसलिए 200 के पार का नारा दिया गया था। उन्होंने कहा कि कंपनी का उत्पादन बढाने कुछ नई खदान जल्द खुलेंगी। इसके अलावा भूमिगत खदान से उत्पादन बढ़ाने की दिशा में भी कार्य शुरू हो चुका है। उत्पादन बढ़ोत्तरी में प्रभावित ग्रामीणों का भी सहयोग रहा है। इस वर्ष कंपनी ने 647 प्रभावितों को नौकरी दी है।