कोरबा। नईदुनिया न्यूज
विकास कॉम्प्लेक्स में चल रहे श्रीमद भागवत कथा के चौथे दिन कथा वाचक पंडित कृष्णचंद्र शास्त्री ठाकुर महाराज ने भगवान विष्णु के राम व कृष्ण अवतार की लीला का श्रवण विस्तार से श्रद्धालुओं को कराया।
उन्होंने कहा कि कंस इतना अत्याचारी था कि उसने अपने पिता अग्रसेन को भी कारागार में डाल दिया। उन्होंने कहा मुसीबत में केवल इंसान का भगवान ही साथ देते हैं, जबकि प्राणी मोहमाया और परिवार के मायाजाल में फंसकर प्रभु को भूल जाता है। भगवान श्रीकृष्ण और बलराम जन्म की कथा का श्रवण कराते हुए कहा कि जब श्रीकृष्ण का जन्म हुआ तो अपने आप जेल के ताले खुल गए। वासुदेव की बेड़ियां खुल गई। वासुदेव संसार के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण को एक टोकरी में लेकर अथाह यमुना नदी को पार करने के बाद यशोदा माता और नंदलाल के पास छोड़ जाते हैं। इसकी खबर कानोकान कंस को नहीं लगती। पंडित कृष्ण चंद्र ने भगवान श्रीकृष्ण के गोकुल में आनंद भयो जय कन्हैयालाल की हाथी घोड़ा पालकी सहित अनेक भजन सुनाकर श्रद्धालुओं को आनंदित कर दिया। भजन का श्रवण कर श्रद्धालु झूमते रहे। कृष्ण जन्मोत्सव के दौरान श्रद्धालुओं ने माखन मिश्री का भोग लगाकर जमकर उत्सव मनाया। पंडित कृष्णचंद्र शास्त्री ने राजा बलि की कथा सुनाते हुए कहा कि पूर्व जन्म में राजा बलि एक महापापी और जुआरी थे। अंत में वामन अवतार में भगवान को तीन पग भूमि दान देते हैं। जब भगवान दो पग में सारी पृथ्वी को नाप लेते है, तब राजा बलि तीसरा पग रखने के लिए अपना सिर झुका देते हैं।