कोरबा (निप्र)। नगरीय निकाय के पार्षदों के कार्यों में नगरीय प्रशासन विभाग ने कटौती कर दी है। पार्षद निधि से पूर्व में 18 कार्य कराने का अधिकार दिया गया था, पर इसमें कटौती करते हुए अब सिर्फ 12 कार्य ही कराने की अनुमति प्रदान की गई है। निर्धारित कार्यों के अलावा कोई अन्य कार्य कराया जाता है, तो इसकी जिम्मेदारी पार्षद पर ही थोप दी गई है।
नगर पालिक निगम, नगर पंचायत तथा नगर पालिका परिषद के पार्षदों को अपने- अपने वार्ड में कार्य कराने हेतु नगरीय प्रशासन एवं विकास संचानालय द्वारा राशि स्वीकृत की गई है। इस राशि का पार्षद दुरूपयोग न कर सकें, इसलिए संचानालय द्वारा वर्ष 2012 में 18 कार्य की सूची जारी की गई थी। उक्त सूची के आधार पर पार्षद अपना प्रस्ताव निगम को सौंपते थे, तदुपरांत पार्षद निधि से वार्ड में विकास कार्य कराया जाता था। शासन द्वारा धार्मिक आयोजन के कार्य, धार्मिक भवन के निर्माण कार्य में राशि खर्च करने पर रोक लगा दी गई थी। बताया जाता है कि जिन 18 कार्यों की स्वीकृति नगरीय प्रशासन विभाग ने जारी थी, उक्त सूची के आधार पर कई कार्य गलत ढंग से कराए जा रहे थे। इस सूची में कुछ ऐसे कार्य थे, जिनकी कोई आवश्यकता नही होती थी। इससे राशि का दुरूपयोग हो रहा था। इसे रोकने के लिए विभाग द्वारा नगरीय प्रशासन एवं विकास संचानालय के संयुक्त संचालक जितेन्द्र शुक्ला ने 12 कार्यों की सूची जारी की है। आदेश में कहा गया है कि उक्त सूची के आधार पर पार्षद अब वार्ड में पार्षद निधि से विकास कार्य करा सकेंगे। नगर निगम कोरबा में सूची मिलने के उपरांत अब पार्षदों को सूची दी जा रही है, ताकि पार्षद दीगर कार्यों की सिफारिश निगम अधिकारियों के समक्ष न कर सकें।
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मिलता है सात लाख
नगर पालिक निगम में चुनाव जीत कर आए पार्षदों के लिए राज्य शासन द्वारा पार्षद निधि स्वीकृत की गई है। पूर्व में यह राशि 1.50 लाख रुपए थे, पर इसमें इजाफा करते हुए अब सात लाख कर दिया गया है। इस राशि में राज्य शासन के अलावा नगर निगम द्वारा भी स्वीकृत राशि शामिल है। प्रतिवर्ष सात लाख मिलने से पार्षदो अपने- अपने वार्ड में कई विकास कार्य कराने जुट गए है, पर इस राशि से अब सिर्फ 12 कार्य होंगे। वार्ड में पार्षद निधि के अलावा निगम मद से कई कार्य कराए जा रहे है।
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इन कार्यों की मिली अनुमति
0 शासकीय शालाओं के विद्यार्थियों की बैठक व्यवस्था हेतु फर्नीचर क्रय ।
0 पाईप लाईन विस्तार ।
0 नवीन सीमेंट कांक्रीट मार्ग नाली सहित निर्माण ।
0 सार्वजनिक, सामुदायिक, सांस्कृतिक भवन का संचालन एवं भवन मरम्मत की व्यवस्था ।
0 छग राज्य विद्युत मंडल के माध्यम से विद्युत खंभा एवं विद्युत सामग्री क्रय करने, विद्युत खंभे एवं ट्रांसफार्मर शिफ्टिंग का कार्य ।
0 वार्ड में उपयुक्त स्थान मिलने पर स्कूली बच्चों एवं नागरिकों के लिए उद्यान निर्माण ।
0 जिम सामग्री क्रय ।
0 शासकीय स्कूल एवं अनुदान प्राप्त शालाओं के उद्यान एवं सार्वजनिक खेल-कूद हेतु फिसलपट्टी, बेंच कुर्सी क्रय करने ।
0 डोर-टू-डोर गार्बेज कलेक्शन हेतु आटो रिक्शा क्रय, डस्टबीन क्रय ।
0 मुक्तिधाम का उन्नायन कार्य ।
0 छोटे उद्यान का निर्माण ।
0 मूत्रालय का निर्माण ।
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सब इंजीनियरों की नियुक्ति पर लगी रोक
0 नगर निगम को मिले थे उप अभियंता के 11 उम्मीदवार
0 4 दिन में ही बदल दिया गया निर्णय
कोरबा (निप्र)। प्रदेश स्तर पर नगरीय निकाय में सब इंजीनियरों की सीधी भर्ती के लिए चयनित उम्मीद्वारों के नियुक्ति आदेश को निरस्त कर दिया गया है। कोरबा नगर निगम को 11 उप अभियंता की नियुक्ति के लिए उम्मीद्वार दिए गए थे। आदेश के 4 दिन बाद ही सब इंजीनियरों की भर्ती प्रक्रिया को ही स्थगित कर दिया गया। लंबे समय बाद अभियंताओं की कमी पूरी होने की आस बंधी थी, उस पर एक बार पिᆬर पानी पिᆬर गया।
31 दिसंबर 2015 को नियुक्ति आदेश जारी करने बाद सभी उपअभियंताओं को मेयर इन काउंसिल, प्रेसिडेंट इन कौंसिल से अनुमोदन कराने के पश्चात, संबधित उप अभियंता से उनके मूल प्रमाणपत्रों एवं प्रमाणित छायाप्रति के साथ सत्यापन कराने कहा गया था। सत्यापन होने के बाद भी दो वर्ष की परीविक्षा अवधि का उल्लेख करते हुए नियुक्ति पत्र आदेश जारी करने का निर्देश दिया गया था। आदेश जारी होने के चार दिन बाद 4 जनवरी सोमवार को संयुक्त संचालक, संचानालय नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा पत्र क्रमांक 24 जारी कर प्रक्रिया को स्थगित करने का आदेश जारी कर दिया गया है। संचालनालय से आगामी निर्देश प्राप्त होने के बाद नियुक्ति की कार्रवाई प्रारंभ करने की बात कही गई है। सीधी भर्ती नियुक्ति प्रक्रिया स्थगित क्यों की गई। इसका खुलासा नहीं किया गया, पर अपरिहार्य कारणों से आदेश प्रक्रिया स्थगित करने का उल्लेख नगरीय प्रशासन के पत्र में किया गया है। भर्ती प्रक्रिया स्थगित होने के बाद एक बार फिर नगर निगम में अभियंताओं की कमी बरकरार रहेगी। निगम से जुड़े जानकारों का कहना है कि नगर निगम के कार्य काफी धीमी गति से चल रहे हैं और अधिकारियो की कमी होने से काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था, नई भर्ती होने से समस्या निदान होने की उम्मीद जताई जा रही थी। एकाएक भर्ती स्थगित करना समझ से परे हो गया है, निगम के अधिकारियो के लिए पुनः इंतजार करना पड़ेगा।
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राज्य शासन का एक जनहित में अच्छा निर्णय है। निर्माण कार्य निगम मद से हो जाते थे, पर सार्वजनिक व जनहित में उपयोगी कार्य अब पार्षद निधि से पार्षद स्वतंत्र रुप से करा सकते हैं। सहायक अभियंता भर्ती स्थगित करना दुर्भाग्यजनक है, पहले ही कई महत्वपूर्ण कार्य अभियंताओं के अभाव में गुणवत्ताविहीन हो रहे हैं और कार्य कराए जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
- शिव अग्रवाल, पार्षद
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राज्य शासन द्वारा पार्षद निधि से कार्यों की सूची जारी गई है। अनेक कार्य निगम मद से हो जाते हैं। पार्षद निधि से भी कार्य होने से वार्डो के विकास कार्य में तेजी आएगी।
- योगेश जैन, पार्षद
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