
नईदुनिया प्रतिनिधि, कोरबा जिले के चैतमा गांव में एक पास्टर और एक दंपती पर दूसरों को बरगलाकर मतांतरित कराने का आरोप लगा है। पुलिस ने मामले में पास्टर समेत तीन के विरुद्ध धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने की कार्रवाई की है। हिरासत में लिए गए आरोपी को थाने से ही जमानत दे दी गई।
जानकारी के अनुसार, पटपरा गांव में रहने वाले श्यामलाल सारथी और उसकी पत्नी ने पिछले कुछ हफ्तों से गांव में ही रहने वाले गनपत और उसकी पत्नी कुंवारी कंवर के घर आना-जाना शुरू किया था। गांव के लोगों का कहना है कि करीब एक साल पहले गनपत और उसकी पत्नी ईसाई धर्म से प्रभावित होकर मतांतरित हो चुके हैं। गांव की महिलाओं को रविवार की प्रार्थना सभा में बुला कर ईसाई धर्म अपनाने प्रेरित किया जा रहा है।
इस बात पुष्टि हुई, जब श्यामलाल सारथी ने चैतमा पुलिस सहायता केंद्र में लिखित शिकायत की। जिसमें उन्होंने बताया कि जटगा के गोसाइ गांव में रहने वाला पास्टर दोहन साय यादव गनपत के घर हर रविवार को आता है और प्रार्थना सभा की आड़ में महिलाओं को बुला कर सिंदूर, बिंदी नहीं लगाने व मंगलसूत्र नहीं पहनने की समझाइश देता है।
शिकायत में यह भी कहा गया है कि पास्टर हिंदुओं को धर्म परिवर्तन करने के लिए बरगला रहा और घर में रखे देवी- देवताओं की तस्वीर को हटाने के लिए कहता है। उसने यह भी बताया है कि पास्टर ने उसके पुत्र और बहू को भी बरगलाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखा। घर के आंगन में स्थापित शिवलिंग को उठा कर बाहर फेंक देने के लिए उन्हें उकसा रहा था।
शिकायत के आधार पर पुलिस सहायता केंद्र प्रभारी अफसर खान ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने व धर्म परिवर्तन के लिए बरगलाने का मामला पास्टर, गनपत सिंह और उसकी पत्नी के विरुद्ध धारा 299, 3-5 बीएनएस के तहत पंजीबद्ध किया है। रविवार को हिरासत में लेने के कार्रवाई के साथ ही थाने में जमानत देकर रिहा कर दिया गया। प्रभारी खान का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन साल की सजा के प्रविधान के मामले में जमानत की व्यवस्था दी है। आरोपितों को जल्द ही न्यायालय में पेश किया जाएगा।
गनपत की पत्नी कुंवारी कंवर की तबियत हमेशा खराब रहती थी। बताया जा रहा है कि वह उपचार के लिए पोड़ी उपरोड़ा स्वास्थ्य केंद्र जाती थी। वहां पास्टर दोहन साय के संपर्क में आई और उसने स्वास्थ्य ठीक कर देने का दावा किया। इसके बाद से कंवर दंपति का ईसाई धर्म के प्रति झुकाव शुरू हुआ और पटपरा स्थित अपने घर में ईसाई मिशनरीज की गतिविधियां शुरु कर दी।
रविवार को आसपास की 15 से 20 महिलाएं प्रार्थना सभा में शामिल हुआ करती थी। इस बात को लेकर गांव में रहने वालों में अंदर ही अंदर असंतोष व्याप्त था। बढ़ती नाराजगी को देखते हुए पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी।
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जिले में दो माह के अंदर मतांतरण का यह तीसरा मामला है, जब पुलिस ने शिकायत के आधार पर अपराध दर्ज किया है। इसके पहले ढोढीपारा के एक मकान में रात को प्रार्थना सभा किए जाने के दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने धावा बोल कर हंगामा किया था।
ग्राम फरसवानी के एक पास्टर पर गांव के लोगों ने निवास परिसर में गिरजाघर संचालित करते हुए हिंदुओं को धर्म परिवर्तन के लिए भड़काने का आरोप लगाते हुए उरगा थाना में शिकायत की थी। इन दोनों मामले में भी पास्टरों के खिलाफ अपराध दर्ज किया जा चुका है।