कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। भू-विस्थापितों को न्याय दिलाने के लिए सकारात्मक पहल करने की मांग ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने की है।

कलेक्टर रानू साहू से समिति के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात कर चार पृष्ठ की रिपोर्ट सौंपी। इसमें जिले में सन 1960 से अब तक कोयला खदान समेत अन्य औद्योगिकीकरण के कारण विस्थापन की समस्या और उद्योगों से प्रभावितों के सामने आए संकट और विकास के नाम पर विनाश की भेंट चढ़कर बदतर होते चले जा रही जिंदगी के बारे में विस्तार से उल्लेख किया गया है। जमीन अर्जन के बदले मिलने वाली रोजगार से वंचित पीड़ितों, कोल इंडिया की अपनी पालिसी लागू कराने के बाद उत्पन्ना स्थिति, पुनर्वास नीति नियमो का उलंघन होने, जबरिया अधिग्रहण और विस्थापन, हर खातेदार को रोजगार, चार गुना मुआवजा, सर्वसुविधा युक्त बसाहट, सन 1980 के अर्जन के बाद लंबित पड़े रोजगार, गांवों का आंशिक अधिग्रहण से उत्पन्ना होने वाली समस्या, जिला खनिज न्यास निधि का दुरुपयोग बंद कर वास्तविक ग्रामों और प्रभावितों के शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार के लिए खर्च सुनिश्चित करने प्रभावित क्षेत्र के बेरोजगारो को सबंधित संस्थानों में वैकलिपक रोजगार, पहले ली गयी जमीन की मियाद पूरी होने और संस्थानों के लिए अनुपयोगी जमीन को मूल खातेदारों को वापसी, पुनर्वास ग्रामों में व्याप्त मूलभूत समस्याओं तथा आबंटित भूमि का मालिकाना अधिकार पत्र जैसी अनेक मुद्दों से अवगत कराया। इसके साथ ही आठ जून को दीपका खदान में आंदोलन का मांग पत्र दिया। प्रतिनिधिमंडल में श्यामू जायसवाल, बृजेश श्रीवास, गजेंद्र सिंह ठाकुर, ललित महिलांगे, सतीश चंद्रा, रविंद्र जगत, दीपक श्याम, संतोष दास महंत आदि शामिल थे।

Posted By: Nai Dunia News Network

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