कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। ठगों के हौसले कुछ इस तरह बुलंद हो चले हैं कि आम लोगों को आनलाइन ठगी से बचने सतर्क करने वाली पुलिस अब खुद ठगी का शिकार हो रही। ऐसा ही मामला पाली से सामने आया है। यहां की महिला आरक्षक के वेतन खाते से एक-एक कर तीन बार ट्रांजेक्शन कर कुल 64 हजार रुपये पार हो गए। आनलाइन ठगी के इस मामले में योनो एप एक्टिवेट करने के नाम पर ठग ने काल कर जानकारी मांगी। मांगी गई गोपनीय जानकारी मिलने ही ठग ने पहले दो बार 20-20 हजार व उसके बाद 24 हजार रुपये का चूना लगाया है। पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पाली थाना में महिला आरक्षक अनिता कुमारी जगत 29 पदस्थ है, जिसका एसबीआइ में वेतन खाता संचालित है। मंगलवार को वह लेनदेन की आनलाइन व सरल प्रक्रिया के लिए एसबीआई बैंक का योनो एप डाउनलोड कर एक्टिवेट कर रही थी। इस दौरान एक नंबर से मोबाइल पर काल आया। इसमें ठग ने योनो एप एक्टिवेट करने के लिए महिला आरक्षक से उसके खाते के संबंध में जानकारी मांगी गई। प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाए, इस आस से आरक्षक ने मांगी गई जानकारी उसे दे दी। इसके बाद उसके खाते से उसी दिन 20-20 हजार कर दो बार कुल 40 हजार रुपये पर हो गए। यह सिलसिला वहीं नहीं थमा और अगले दिन बुधवार को खाते से फिर ट्रांजेक्शन हुआ और इस बार 24 हजार रुपए पार हो गए। खाते से रकम कटने का अलर्ट जारी करते हुए मोबाइल पर जब मैसेज आया, तब उसे आनलाइन ठगी का पता चला। उस वक्त उनके बैंक खाते में मात्र 11 हजार रुपये शेष रह जाना दिखाई दिया। इस बात की जानकारी से सकते में आई आरक्षक जानकारी लेने बैंक पहुंची, जहां उसे योनो एप के नाम पर ठगी किए जाने की जानकारी दी गई। उसने पाली थाना पहुंचकर घटना की रिपोर्ट लिखाई है। पुलिस मामले में धोखाधड़ी का जुर्म दर्ज कर जांच कर रही है।
पुलिस ही चला रही साइबर संगी अभियान
छोटी-बड़ी हर सूचना कुछ पल में प्राप्त करने आज के दौर में सूचना तकनीक सबसे बड़ा माध्यम बन चुका है। पर सरल सुविधा की आड़ में साइबर अपराधियों का गोरखंधधा भी उसी तेजी से फल-फूल रहा। ऐसे जालसाजों से बचने सतर्कता और सावधानी के साथ इस तकनीक की थोड़ी बहुत जानकारी रखना जरूरी हो जाता है। यही जरूरत महसूस करते हुए जिला पुलिस की ओर से साइबर संगी अभियान चलाया जा रहा। इसके माध्यम से आम जनों को साइबर ठगों से बचने के उपाय बताकर जागरूक किया जा रहा। इस के बाद भी एक पुलिसकर्मी का खुद ही झांसे में आ जाना ठगों के हौसले बुलंद कर रहा है।
कोरोनाकाल के पहले तक 98 शिकायतें
साइबर ठगी के शिकार हुए ज्यादातर लोग हंसी उड़ाने की सोचकर शिकायत नहीं करते हैं। इस चक्कर में ठगी रकम की वापसी नहीं हो पाती है। जबकि थाना-चौकी सहित साइबर सेल के पास वर्ष 2019 में पहुंचे आनलाइन ठगी के कुल 98 शिकायत में 35 प्रकरण में धन शोधन किया गया। वहां 30 में एफआइआर व अन्य में जांच चल रही है। साइबर सेल के मुताबिक ठगी होने के 24 घंटे के भीतर शिकायत होने पर बैंक व आनलाइन साइट से संपर्क कर राशि पुनर्जीवित करने की प्रक्रिया कराई जाती है।
तब नगर कोतवाल ने विफल किए प्रयास
तीन माह पहले भी एक ऐसा ही प्रयास जिले के एक पुलिस अधिकारी के साथ किया गया था। तब कोरबा शहर थाना प्रभारी को पांच लाख रुपये की लाटरी लगने की बात कहते हुए ठग ने काल किया। पर थाना प्रभारी ने बातों में ठग को कुछ ऐसा उलझाया कि ठग को काल डिस्कनेक्ट करना पड़ा। विभिन्ना क्षेत्रों में लोगों की गाढ़ी कमाई हड़पने के लिए ठगों का नेटवर्क भली-भांति काम कर रहा है। संगठित तरीके से इस काम को अंजाम देने का काम जारी है। वे लगातार नए तरीके खोज रहे, जिससे बचने सतर्कता जरूरी है।