रायगढ़( नईदुनिया प्रतिनिधि)। सक्ती जिले में बाराद्वार के पास सकरेली रेलवे क्रॉसिंग पर ओएचई लाइन के संपर्क में आने से ट्रक में भीषण आग लग गई। शुक्रवार देर रात की इस घटना के बाद ट्रैक पर काफी देर तक ट्रक जलता रहा, जिससे करीब 6 घंटे तक हावड़ा-मुंबई रूट पर ट्रेनों का परिचालन बंद रहा। तो नेशनल हाईवे 49 में भी करीब 8 घंटे तक आवागमन प्रभावित रहा, एनएच पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई थी।घटना के बाद रेलवे की इमरजेंसी रिलीफ व्हीकल और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंचकर ट्रैक को क्लियर करवाया।
शुक्रवार रात करीब 11:30 बजे सकरेली में हुए हादसे का असर सड़क और रेल मार्ग दोनो को बाधित कर दिया। यह पहला अवसर रहा, जहां ट्रेन ट्रेक हादसे के चलते सड़क मार्ग भी बाधित हो गया। हादसे से रेलवे के परिचालन को काफी प्रभावित कर दिया। जिसमें हावड़ा मुंबई रूट के अप डाउन दोनो दिशा की दर्जनों ट्रेनें आउटर या स्टेशनों में रोक दी गई थी, बीती रात से यात्री ट्रेनों में ही फंसे रहे, हालांकि ट्रैक क्लियर होने के बाद अब ट्रेनों का परिचालन फिर से शुरू हो गया है।जबकि पूर्व से ट्रेनों की बिगड़ी चाल से लोग बेहाल थे वही इस हादसे से ट्रेनों की परिचालन में सबसे ज्यादा प्रभावित रहा।
जिसमें जून को रायगढ़ आने वाली आजाद हिंद 1 जुलाई को 6 :46 बजे आई है। इसी तरह अप दिशा में यानी हावड़ा से पुणे जाने वाली आजाद हिंद ट्रेन 1 जुलाई 7 बजे आई है। यह ट्रेन बाराद्वार रेलवे स्टेशन में रात 1 बजे से खड़ी रही। गीतांजलि रात के बजाए सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर रायगढ़ पहुची यही हाल अन्य ट्रेनों का भी रहा ।ट्रेनों के लेट होने से यात्रियों को परेशानी होना पड़ा। हाईवे पर फिर से आधी तड़के सुबह आवागमन शुरू हो गया है। लेकिन वाहनो की रेलमपेल की वजह से जाम लगा रहा। इधर बताया यह गया कि ट्रक में तार भरा हुआ था, गाड़ी ओवरलोड थी, जिसकी वजह गाड़ी ओएचई तार से टकरा गई, ड्राइवर ने किसी तरह से कूदकर जान बचाई है।
बहरहाल इस हादसे का असर यात्रियों में पड़ा जिससे उन्हें व्यवहारिक एवम मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। ट्रेन के इंतजार में प्लेटफार्म व स्टेशन के टिकट काउंटर व अन्य स्थानो में व्यथित व कुछ सोते नजर आए ।
शताब्दी रात के बजाए दिन मे, और दर्जनों ट्रेन रहा विलंब
ट्रेनों की बिगड़ी चाल से सालों से यात्री परेशान है वही यह हादसा उन्हें और परेशान करके रख दिया। आलम यह रहा कि एक्सप्रेस ट्रेनों को छोटे छोटे स्टेशन में रात में ही खड़ा कर दिया, वही शताब्दी को चाम्पा के करीब खड़ा कर किया गया था। जन शताब्दी शुरुआत से ही यात्रियों के लिए मुसीबत वाली ट्रेन हो चुकी है क्योंकि यह समय मे नही आती है शुक्रवार को रात 10बजे आने के बजाए शनिवार को सुबह में खाली ही आई। इसी तरहआजाद हिंद 24 घंटे विलंब, वलसाड पूरी एक्सप्रेस 22909 रात 11 :45 के बजाए सुबह 9 बजे रायगढ़ आई। पोरबंदर का भी यही हाल रहा जो 8 घंटे से अधिक विलंब हो गया। अहमदाबाद एक्सप्रेस 5 घंटे विलंब रहा। वही अन्य ट्रेनों की अप डाउन दोनो दिशा में प्रभावित रहा।
यात्री भटकते रहे तो कुछ कनेक्टिविटी ट्रेन नही पकड़पाने पर रहे परेशान
ट्रेनों के लेट लतीफी होने के चलते यात्रियों को कनेक्टिविटी ट्रेन पकडने के लिए परेशान रहना पड़ा। रायगढ़ से बिलासपुर, उसलापुर तथा चाम्पा में कनेक्टिविटी ट्रेन वे पकड़ नही पाए। यह स्थिति तब तक बनी रहती है जब एक भी ट्रेन विलंब से होता है। गौरतलब हो कि चाम्पा से विशाखापत्तनम व कोच्चि के लिए बड़ी संख्या में यात्री रहते है, वही बिलासपुर तथा उसलापुर से देश के विभिन्न बड़े छोटे स्टेशन के लिए यात्रियों कनेक्टिविटी ट्रेन पकड़ते है लेकिन शनिवार को वे ट्रेन नही पकड पाए और गंतव्य जाने से चूक गए।
सुबह का लोकल मेमू रहा रद
यात्रियों के लिए बिलासपुर तक आवाजाही के लिए पहली पसंद मध्यम वर्गीय परिवार की लोकल ट्रेन है। इस हादसे से यह ट्रेन भी अछूता नही रहा बल्कि शनिवार को सुबह में इसका परिचालन ही बंद कर दिया गया। देखा जाए तो बीआर लोकल ट्रेन लाभकारी व सुगमता पूर्वक किफायती कीमत में पहुचाने वाली ट्रेन है। इसमे बड़ी संख्या में रोजाना यात्रा करने वाले कामकाजी तथा व्यपारी वर्ग व आमजन इस्तेमाल करते है। इसके रद होने से वे परेशान रहे।