कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। उरगा रेलवे स्टेशन में फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) बनाने की प्रक्रिया तेजी से जारी है। तकनीकी स्टाफ ने यहां के ब्रिज में दोनों गर्डर स्थापित करने का कार्य पहले ही पूर्ण कर लिया है। एफओबी बन जाने से उरगा समेत स्टेशन से ट्रेन की यात्रा शुरू करने वाले आस-पास के ग्रामीण क्षेत्र के यात्रियों को सुविधा मिल सकेगी। एफओबी के अभाव में लोगों को खुली रेल लाइन से पटरी पार करना पड़ता है, जो उनके सुरक्षा के लिए उचित नहीं। ब्रिज बनने के बाद इस समस्या से भी राहत मिल सकेगी।
मंडल के छोटे-छोटे स्टेशनों में भी यात्रियों को एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म में सुगम एवं सुरक्षित आवागमन की सुविधा के लिए फुटओवर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही यात्रियों की सुरक्षा व संरक्षा से संबधित कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर शीघ्रता के साथ पूरा किया जा रहा है। इसी संदर्भ में बिलासपुर-कोरबा सेक्शन के उरगा स्टेशन में यात्रियों के एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म में आवागमन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए फुटओवर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। इस फुटओवर ब्रिज निर्माण कार्य को तीव्रगति से पूरा करने के लिए इसमें गर्डर स्थापित करने का कार्य पूर्ण हो चुका है। सुरक्षा के सभी मानकों के अनुपालन के साथ इस फुटओवर ब्रिज का निर्माण पूरा होते ही उरगा स्टेशन के यात्रियों को सभी प्लेटफार्म में सुगम एवं सुरक्षित आवागमन की सुविधा प्राप्त होगी। उधर रेल प्रशासन के वादे के अनुरूप लोग फास्ट मेमू का इंतजार अब भी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस को कोरबा से ही इसे एक्सप्रेस ट्रेन बनाकर चलाने की मांग बहुत लंबे समय से की जा रही है। इस पर भी कोई अमल नहीं हो रहा है। इस पर लोगों का कहना है कि कोरोना को बहाना बनाकर यात्री ट्रेनों का परिचालन लगातार बंद किया जा रहा है, ताकि कोरबा से निर्बाध रूप से ज्यादा से ज्यादा कोयले की ढुलाई की जा सके।
मड़वारानी में पहले ही किया गया है निर्माण
अभी तक की स्थिति में मड़वारानी में ही ब्रिज का निर्माण किया गया है। इसके दो साल बाद बिलासपुर-कोरबा सेक्शन के सरगबुंदिया स्टेशन में यात्रियों के एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म में आवागमन सुविधा उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है। इसका निर्माण पूरा होते ही सरगबुंदिया स्टेशन के यात्रियों को एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म में सुगम एवं सुरक्षित आवागमन की सुविधा प्राप्त होगी। कोरोना काल से पहले मालगाड़ियों की संख्या बढ़कर 45 से 50 रैक तक हो गई है। रेलवे को अकेले कोरबा से करीब साढ़े पांच हजार करोड़ रुपये का सालाना परिवहन राजस्व मिलता था, जिसमें इस वित्तीय वर्ष इजाफा दर्ज किया गया है।
अन्य पैसेंजर हाल्ट में सुविधा की जरूरत
अभी भी कोथारी व बालपुर रेलवे स्टेशन में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां भी यात्री सुविधाएं बढाए जाने की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही है। माल ढुलाई में जहां कीर्तिमान स्थापित किए जा रहे हैं, वहीं यात्री सुविधाओं के मामले में कोरबा को लगातार ठगा जा रहा है। कोरबा से रायपुर कनेक्टिविटी के लिए जोर-शोर से शुरू किए गए हसदेव एक्सप्रेस को भी वर्तमान में बंद कर दिया गया है। पहले कोरबा से 17 यात्री ट्रेनों का परिचालन होता था, वर्तमान में इसे घटाकर केवल पांच कर दिया गया है।