महासमुंद। राजस्व विभाग में नक्शा, खसरा सहित अन्य कार्य के लिए अलग-अलग साफ्टवेयर है। लेकिन यह दोनों साफ्टवेयर पिछले दो माह से बंद पड़े हैं। यही कारण है कि विभाग में नक्शा, खसरा, बटांकन और नामांतरण के कई मामले लंबित है, जिसके चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इधर, अधिकारियों द्वारा कई बार सुधार के लिए कहा जा चुका है लेकिन अब तक सुधार नहीं हो पाया है।
साफ्टवेयर में हो रही परेशानी के कारण आवेदक ही नहीं बल्कि पटवारी भी खासे परेशान हैं। सुधार न होने से आवेदकों को भटकना पड़ रहा है। आवेदकों के पूछने पर अधिकारी उचित जवाब नहीं दे पा रहे हैं। जानकारी के मुुताबिक भुइयां साफ्टवेयर में आई परेशानी को सुधारने विगत तीन सितंबर को करीब पखवाड़े भर के लिए साफ्टवेयर बंद किया गया लेकिन सुधार के बाद भी परेशानी दूर होने की बजाए और बढ़ गई है। पटवारियों ने बताया कि सुधार के बाद से साफ्टवेयर और अधिक धीमा हो गया है। पटवारियों के मुताबिक भुइयां साफ्टवेयर में खसरा, नाम सुधार, संशोधन, नामातरंण अन्य कार्य के साथ ही पटवारी का डिजीटल सिग्नेचर होता है। वहीं भू-नक्शा साफ्टवेयर में नक्शा संशोधन का कार्य होता है। इसमें नक्शें में की गई प्लाटिंग और अन्य कार्य किए जाते है जो साफ्टवेयर में खराबी की वजह से लंबित है। इस संबंध में लीलाधर कंवर तहसीलदार महासमुंद ने बताया कि मैंने एक सप्ताह पहले ही पदभार ग्रहण किया है, इसलिए कितने मामले लंबित हैं बता पाना मुश्किल है। रही बात साफ्टवेयर में आ रही परेशानी की तो उच्चधिकारियों को अवगत कराने के साथ ही एनआइसी के अधिकारियों से लगातार बातचीत हो रही है। उनके द्वारा जल्द सुधार होने की बात कही जा रही है।
डेढ़ माह से नक्शे के लिए भटक रहा
किसान चंद्रपाल चंद्राकर ने बताया कि उन्होंने अपनी जमीन के नक्शे के लिए करीब डेढ़ माह पूर्व पटवारी कार्यालय में आवेदन दे रखा है जो अब तक नहीं मिल पाया है। वे पटवारी और तहसील कार्यालय के कई बार चक्कर काट चुके हैं लेकिन उनका काम अब तक नहीं हो पाया है। मंगलवार को उन्होंने इस समस्या को लेकर तहसीलदार लीलाधर कंवर से मुलाकात की और जवाब मांगा लेकिन वे भी ठीक से जवाब नहीं दे पाए। चंद्राकर ने कहा कि साफ्टवेयर में आई खराबी की वजह से कई लोग परेशान हैं। बावजूद अफसर इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
नामांतरण, बटांकन नहीं हो पा रहा
महासमुंद हल्के के पटवारी डीएन साहू का कहना है कि साफ्टवेयर में दो माह से चल रही परेशानी की वजह से नामांतरण, बटांकन के अलावा आवेदकों के नक्शे निकालने का काम लंबित है। साफ्टवेयर में बंटाकन की जानकारी अपलोड करने के बाद बटांकन नहीं हो पा रहा है। यही समस्या नामांतरण के कार्य में भी आ रही है। उन्होंने बताया कि तीन सितंबर को साफ्टवेयर को सुधार के लिए बंद कर शुरु किए जाने के बाद से समस्या सुधरने की बजाए और उलझकर रह गई है।