
महासमुंद। बीते माह नया रायपुर के सूनसान सड़क पर विभागीय कर्मचारी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में महासमुंद के प्रभारी डीइओ परसराम चंद्राकर (मूल पद प्राचार्य) का वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो में उनकी कार व शासकीय कार्य पर लिखा पोस्टर भी नजर आया था। इस मामले में शिक्षा विभाग की बहुत किरकिरी हुई। बच्चों को ज्ञान देने वाले अधिकारी की आपत्तिजनक वीडियो से विभाग की छवि को आघात पहुंचा। वीडियो संज्ञान में आते ही रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी एएन बंजारा ने रायपुर जिले में पदस्थ शिक्षिका को 16 दिसंबर को आदेश जारी कर निलंबित किया। शिक्षिका पर कार्रवाई के बाद से ही इस मामले में डीईओ परसराम चन्द्राकर पर कार्रवाई को लेकर विभाग में चर्चा थी। कहा जा रहा था कि जब शिक्षिका को जब निलंबित किया गया तो इस मामले में डीईओ परसराम चंद्राकर को भी निलंबित किया जाना चाहिए। लिहाजा 20 जनवरी को अवर सचिव छग स्कूल शिक्षा विभाग अन्वेष घृतलहरे ने आदेश जारी कर परसराम चंद्राकर को निलंबित किया है। निलंबन के दौरान इनका मुख्यालय संभागीय संयुक्त संचालक (शिक्षा) रायपुर नियत किया गया है। जारी आदेश में अवर सचिव अन्वेष घृतलहरे ने वायरल वीडियो का जिक्र किया। परसराम चंद्राकन के नाम से पंजीकृत वाहन का जिक्र किया। इसे सिविल सेवा आचरण के विपरीत व गंभीर नैतिक पतन की श्रेणी में आना बताया।
इसी तरह उपचार के लिए अवकाशरत महासमुंद डीइओ रॉबर्ट मिंज को भी अवर सचिव अन्वेष घृतलहरे ने 11 जनवरी को निलंबित किया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय संभागीय संयुक्त संचालक रायपुर रहेगा। इन पर अनाधिकृत अनुपस्थिति का हवाला देकर सिविल सेवा आचरण नियम के विपरीत आचरण पर निलंबन की कार्रवाई की गई है।