महासमुंद। बुधवार को दोपहर लगभग 12 बजे महासमुंद रेलवे स्टेशन में सुविधा बढ़ाने के लिए पांच सदस्यों की टीम ने निरीक्षण किया। इस पांच सदस्यीय टीम में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन पीके कृष्णदास, विभा अवस्थी, राजेंद्र फड़के, कैलाश वर्मा, रामुकार पहन शामिल थे।
महासमुंद पहुंचते ही आंबेडकर चौक पर पालिका अध्यक्ष और भाजपा कार्यकताओं ने स्वागत किया। बाद स्टेशन पहुंचे। स्टेशन में सदस्यों के पहुंचते ही नागरिकों ने लगातार सवालों का बौछार शुरू कर दिए। कहा कि रेलवे स्टेशन में समस्याओं का अंबार है।
टिकट काउंटर, पूछताछ काउंटर में माइक को चेक किया। साथ ही कतारबद्ध होकर टिकट लेने और डिवाइडर बनाने की बात कही। यात्री प्रतीक्षालय का निरीक्षण, पानी की सुविधा, जनता खाना, शौचालय आदि पर स्टेशन मास्टर को हिदायत दी। टीम ने स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर नाराजगी व्यक्त की।
आरपीएफ कार्यालय पहुंचकर अधिकारियों से चर्चा की। महिला पुलिस कर्मी और मात्र दो ट्रेन में ही गस्त होने की जानकारी मिलने पर रेलवे सुरक्षा पर चिंता चाहिर की।
पत्रकारों से चर्चा में उन्हांेने बताया कि केंद्र सरकार के रेलवे बोर्ड मेंबर चार दिन के प्रवास पर पहुंचे है। जिसमें इनके द्वारा बिलासपुर मंडल के चार स्टेशन नागपुर मंडल, रायपुर मंडल और संबलपुर मंडल के महासमुंद, अरंड, बागबाहरा, खरियार रोड का निरीक्षण किया। जिसमें उन्होने बताया कि नाइट ट्रेनों का स्टापेज बढाने, पेयजल, स्वास्थ्य, स्वच्छता के विस्तार पर चर्चा की जाएगी।
बंद ट्रेनों का पुनः संचालन 24 जून से करने का निर्णय केंद्र सरकार द्वारा लिया गया है। पूर्व विधायक डा. विमल चोपडा के दिए ज्ञापन पर गांधी नगर सुपरफास्ट एक्सप्रेस को महासमुंद में स्टापेंज देने का आश्वासन दिया गया। मेम्बर विभा अवस्थी ने बताया कि यह पहली बार हुआ कि छोटे स्टेशनों का निरीक्षण करने पहली बार चेयरमैन आए हैं। छोटे स्टेशनों को बड़े स्टेशनों जैसी सुविधा मिले इसलिए चार दिवसीय दौरे पर निकले हैं। समस्याओं पर सवाल किए जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि छोटी समस्याओं का तत्काल निराकरण किया जाएगा।
मेम्बर फड़के ने दिखाई दरियादिली
निरीक्षण के दौरान डा. राजेंद्र फडके आक्रामक दिखे। स्टेशन पर घूमते हुए उन्होने सफाई कर्मचारी से स्वच्छता पर चर्चा की। वहीं सफाई ठेकेदार के नदारद रहने पर स्टेशन मास्टर की क्लास ली। अचानक बेहोश हुई महिला यात्री की हालत देख तत्काल रेलवे के डाक्टारों को तलब कर उक्त महिला को प्राथमिक उपचार दिलाया।
रेलवे स्टेशन में व्याप्त असुविधाएं
प्लेटफार्म दो में एक और फुटओवर ब्रिज की आवश्यकता है। प्लेटफार्म दो में टीन शेड की आवश्यकता है, इमरजेंसी में मरीज को प्लेटफार्म एक में लाने की कोई सुविधा नहीं है, फायर सेफ्टी नदारत, फर्स्ट एड बाक्स में जरूरी दवाओं का अभाव, कचरा फेंकने के लिए स्टील डस्टबिन ल कबाड हो चुके हैं, कोच इंडीगेशन न होने से यात्रियों की ट्रेन छूट जाती है। रात में यात्रियों की सुरक्षा सही नहीं है, प्लेटफार्म स्थित प्याऊ बंद है, आदि बातें सदस्यों के सामने रखी गई।
जनसुविधा की बात, यात्री सुविधा नजर अंदाज
सदस्यों ने एक घंटे निरीक्षण पर सिर्फ जनसुविधा पर चर्चा की। चर्चा का मुख्य केंद्र बिंदु स्वच्छता, शौचालय, पानी की सुविधा, चिकित्सा ही था। इधर, स्टेशन में पहली बार निरीक्षण को देखते हुए आनन- फानन नए डस्टबिन, शौचालय, यात्री प्रतीक्षालय में साफ- सफाई, पार्किंग में बोर्ड, स्टेशन में लगातार पोंछा लगाने जैसे कार्य पहली बार देखने को मिला।
प्लेटफार्म नंबर दो में शेड फुट ओवरब्रिज के मुददे पर सदस्य बगलें झांकने लगे। रेल्वे स्टेशन में सेकेंड इंट्री की व्यवस्था पर चर्चा करने पर टीम कतराती रही।
जनप्रतिनिधियों की मांगे
रेलवे बोर्ड के सामने स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने अपना-अपना ज्ञापन सौंपकर यात्री सुविधा में विस्तार की मांग की। पूर्व विधायक डा चोपडा ने सूरत-पुरी एवं गांधीधाम -पुरी ट्रेन का स्टापेज, वार्ड एक व 11 में अंडरब्रिज, महासमुंद से सरायपाली होते हुए रायगढ़ तक नई रेल लाइन से मुंबई-हावडा रूट से जोडना, स्टेशन में कोच डिस्प्ले बोर्ड रेलवे के बांध के पीछे रेलवे की बहुमूल्य जमीन को अतिक्रमण मुक्त कर सुंदरीकरण का कार्य, रायपुर से टिटलागढ़ लोकन को पुनः संचालित करने स्टेशन पर एस्केलेटर की मांग एवं निर्माण कार्यो की गुणवत्ता जांच करने की मांग की।
इस दौरान पूर्व राज्यमंत्री पूनम चंद्राकर, नपाध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर, इंद्रजीत गोल्डी, प्रदीप चंद्राकर, सतपाल पाली, पवन साहू, मोहन साहू, प्रकाश शर्मा, जग्गू छुरा, मीना वर्मा, उषा पाल आदि उपस्थित थे।
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