बागबाहरा। विगत अनेक वर्षों से कोमाखान क्षेत्र के रेल यात्रियों के द्वारा इंटरसिटी एक्सप्रेस के स्टापेज की मांग की जा रही है। इस मांग के लिए पूर्व में रेल रोको आंदोलन भी किया जा चुका है।
रेलवे संघर्ष समिति के सदस्य नितिन जैन ने बताया की कोरोना काल के पहले कोमाखान क्षेत्र के सौ से भी अधिक गांवों के लोगों के लिए रायपुर एवं अन्य शहरी क्षेत्रों के आवागमन के लिए नाम मात्र के पैसेंजर ट्रैन ही साधन हुआ करते थे, पर कोरोना काल के बाद इन पैसेंजर ट्रेनों का भी संचालन बंद हो गया।
वर्तमान में कोमाखान रेलवे स्टेशन से नियमित रूप से यात्रा करने वाले रेल यात्रियों के सामने अब रायपुर व अन्य शहर जाने के लिए सुबह के समय किसी भी ट्रेन का स्टापेज नहीं है जिससे कि बड़ी संख्या में प्रतिदिन यात्रा करने वाले व्यापारी, किसान, स्कूल कालेज के छात्र, शासकीय अधिकारी कर्मचारी, गंभीर मरीज सैकड़ों की संख्या में प्रभावित हो रहे हैं।
ट्रेनों के परिचालन ना होने के कारण लोगों के रोजगार छीन गए एवं कालेज की पढ़ाई करने वाले अनेक छात्र छात्राएं पढ़ाई से वंचित हो गए हैं और उनका भविष्य अधर में अटका हुआ है। ट्रेन के परिचालन के अभाव में गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों के आवागमन खर्च के कारण उनका नियमित मासिक बजट पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
कोमाखान रेलवे स्टेशन एक ओर छुरा एवं गरियाबंद से तो दूसरी ओर पिथौरा एवं तेंदूकोना क्षेत्र से आने वाले यात्रियों के लिए आवागमन का केंद्र है। वर्तमान समय में प्रातः पूरी से दुर्ग जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस के अस्थायी स्टापेज के तत्काल आवश्यकता है जिससे कि हजारों की संख्या में आने जाने वाले रेल यात्रियों को राहत मिल सके।
क्षेत्रीय सांसद चुन्नाीलाल साहू ने भी कुछ दिनों पूर्व इस महत्वपूर्ण विषय पर केंद्रीय रेल मंत्री से मिलकर पत्र भेंट कर उनका ध्यानाकर्षण कराया था।
अनेक बार रेलवे प्रशासन को कोमाखान क्षेत्र के जनता के लोगों की इस मांग से अवगत कराया जा चुका है पर रेलवे प्रशासन द्वारा इस विषय में उचित पहल नहीं किये जाने के कारण वर्तमान में क्षेत्र की जनता रेल रोको आंदोलन के माध्यम से अपनी बात को उच्च स्तर अधिकारियों तक पहुंचाने के लिए बाध्य नजर आ रही है।
पूर्व में किए गए पत्राचार में सकारात्मक परिणाम नहीं आने के कारण रेलवे संघर्ष समिति के नेतृत्व में क्षेत्र के युवाओं ने आगामी 30 दिसंबर को रेल रोको आंदोलन के लिए रेल विभाग को पत्र प्रेषित किया गया है।
जिसकी तैयारियां पूरे क्षेत्र में जोर शोर से चल रही है।कयास लगाया जा रहा है कि ग्रामीणजन इस रेल रोको आंदोलन में भाग लेकर अपनी आवाज को बुलंद करेंगे।