महासमुंद। जिले में चार मार्च से आठ अप्रैल तक शिशु संरक्षण माह मनाया जा रहा है। इस दौरान प्रत्येक मंगलवार व शुक्रवार को शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह नौ बजे से शाम चार बजे के बीच बच्चों के स्वास्थ्य संवर्धन संबंधी विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
इस दौरान बच्चों के स्वास्थ्य सुधार के लिए स्वास्थ्य केंद्रों और आंगनबाड़ियों में विभिन्न गतिविधियों का आयोजना किया भी किया जा रहा है। जिसमें स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास तथा शिक्षा विभाग आपसी समन्वय से काम कर रही है।
मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर टीकाकरण, किशोरी बालिका, नव विवाहित का हीमोग्लोबिन टेस्ट किया गया। इसके अलावा बच्चों को रतौंधी और एनीमिया से बचाव के लिए विटामिन-ए तथा आयरन फोलिक एसिड सिरप पिलाया गया। बच्चों में कुपोषण के आकलन के लिए उनका वजन लिया गया और पालकों को बच्चों की आयु के अनुरूप पोषण आहार की जानकारी दी गई।
इस दौरान नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी जा रही है। साथ ही प्रदेश भर के छह माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को आयरन एवं फोलिक एसिड सिरप भी वितरित की जा रही है। निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप सभी बच्चों तक पहुंचने में मैदानी स्तर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सहायिका महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहीं हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने सभी माता-पिता से अपील की है कि वे अपने बच्चों को सप्ताह में दो बार आयरन सिरप तथा हर छह माह के अंतराल में विटामिन ए की खुराक अवश्य पिलाएं।
आंगनबाड़ियों में भी हितग्राहियों को पूरक पोषण आहार उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही अति गंभीर कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर पोषण पुनर्वास केंद्रों में भेजा जाएगा, जिससे पुनर्वास केंद्र में समुचित देखभाल, पोषण आहार और उपचार से बच्चे को कुपोषण मुक्त किया जा सके।
शिशु संरक्षण माह के तहत एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ओर से परिवार भ्रमण के दौरान गर्भवती माताओं एवं बच्चों को परामर्श भी दिया जा रहा है। कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम तथा शिशु संरक्षण माह के लिए गठित जिलास्तरीय टास्क फोर्स को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
साथ ही इस दौरान आयोजित गतिविधियों में कोविड से बचाव के लिए दिशा-निर्देशों का पालन करने कहा गया है।