महासमुंद/बिरकोनी। प्रदेश का पारंपरिक और लोकप्रिय पोला तिहार पूरे उत्साह से सोमवार को जिले में मनाया गया।
छत्तीसगढ़ की परंपरा, संस्कृति और लोक जीवन की सुख- समृद्धि पोला पर्व पर नजर आई। किसानों का सबसे बड़ा पर्व पोला के शुभ अवसर पर सोमवार को नांदिया बैल की पूजा हुई। किसानो ने नंदीश्वर को सजा कर, पूजा-अर्चना की। किसी ने नंदीश्वर के सिंग पर मोर का पंख लगाया।
किसी ने पैरों पर घुंघरू बांधे, तो किसी ने तिरंगा लगाया। उत्साह और उमंग के बीच बैल को सजाकर सर्वप्रथम नन्दीश्वर की पूजा अर्चना की। बैलों और जाता-पोरा की पूजा कर अच्छी फसल और घर को धन-धान्य से परिपूर्ण होने के लिए कामना की। किसानों ने चीला रोटी का भोग लगाकर प्रसाद खिलाया। पूजा के साथ पर्व की जयकारे के साथ गोठान परिसर गूंज उठा। इस अवसर महाप्रसादी वितरण की गई।
बिरकोनी में कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सीताराम गजेंद्र, नकुल विश्वकर्मा,चैतू यादव, कलीराम निषाद, गिरवर साहू, रेवा ध्रुव, सुरेंद्र यादव, सोनू ध्रुव, हीरालाल कन्नौजे, जीतू यादव, सोनू यादव, भोलू चंद्राकर, मुन्ना साहू, विष्णु निषाद, रामपाल साहू, भागवत सेन, शत्रुघ्न यादव उपस्थित थे।
इसी तरह महासमुंद नगर के पिटियाझर वार्ड में नन्दी चौक पर पूजा की गई। किसानों ने बैलों को सजाकर प्रदर्शन किया।
बागबाहरा में उत्साह से मनाया पोला पर्व
अंचल में पारंपरिक पर्व पोला बड़ी धूमधाम से मनाया गया। पर्व को लेकर खासकर बच्चों में ज्यादा उत्साह रहा। छत्तीसगढ़ की पारंम्परिक लोक त्यौहार पोला पर्व किसान के मितान पशु धन और माटी के नांदिया बैला और माटी के बने सभी बर्तन की पूजा की गई।
त्योहार के चलते एक दिन पहले शहर का बाजार सुबह से ही सजा रहा। जगह-जगह नांदिया बैल, पोला-जाता बिक रहा था। लोग बच्चों के साथ दुकानों पर खरीदारी कर रहे थे।
शहर में पुलिस थाना , स्टेशन चौक, स्टेट बैंक से लेकर बाजार चौक तक पोला का बाजार गुलजार रहा। यह नजारा सोमवार सुबह भी रहा। नांदिया बैल की बिक्री बाजार में 30 रुपये से लेकर 90 रुपये तक रही।वहीं पोला-जाता सेट में भी अलग से बिक रहा था। अलग-अलग स्थानों पर विभिन्ना प्रकार के दाम बने हुए थे।
पिछले साल कोरोना के चलते लोगों ने पोला का पर्व धूमधाम से नहीं मनाया था, लेकिन इस कोरोना संक्रमण कम होने के बाद पोला पर्व को लेकर लोगों में उत्साह दिखा। वही बच्चे मिट्टी के बर्तनों में खेलते और नांदिया बैला चलाते नजर आए।
उल्लेखनीय है कि पोला पर्व के दिन घरों में कई प्रकार के पकवान ठेठरी , खुर्मी ,पपची, बनाया गया। लोगों ने पकवानों का स्वाद लिया।