
कर्रा(नईदुनिया न्यूज)। नेवसा में आयोजित रूद्र महायज्ञ, शिव पुराण कथा के सातवें दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी। समापन 30 मार्च को होगा। भूफोड़ बइहा महादेव मंदिर परिसर में यज्ञ कुंड में आचार्य चंदन गिरी महाराज के संयोजन में आहुतियां दी जा रही है।
उन्होंने कहा रुद्र महायज्ञ का फल तत्काल मिलता है। इसलिए साधकों की बीच इसकी मान्यता ज्यादा है। इस अवसर पर बेलतरा नायाब तहसीलदार ओमप्रकाश चंद्रवंशी, नेवसा के पटवारी लोमश वैसवाड़े यज्ञ स्थल में पहुंचकर पूजा अर्चना की। उन्होंने कहा भगवान शिव सर्वव्यापी सर्वज्ञ और प्रेम के प्रतीक हैं । महायज्ञ से ना सिर्फ हिंदू धर्म की परंपरा को बल मिलता है बल्कि वातावरण भी शुद्ध होता है महायज्ञ के सफल आयोजन में वे हरसंभव सहयोग करेंगे साथ ही उन्होंने इस पुनीत कार्य में प्रत्येक लोगों को यथासंभव सहयोग करने की अपील की। नेवसा में नौ कुंडीय यज्ञ एवं कथा को सफल बनाने में समिति बनाकर अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसे सफल बनाने में भरत कश्यप सरपंच, किशोर साहू, केशव कोरी, अर्जुन कश्यप, चित्रसेन साहू, प्रमोद वैष्णव, अनिरुद्ध साहू, विनोद कश्यप, रामकुमार कश्यप, राजकुमार कश्यप, विजय साहू ,दरश,जगत, रवि साहू सहित जुटे हुए हैं। यज्ञ में भाग लेने भगवताचार्य पं. कन्हैयालाल मिश्र, महंत प्रीतम गिरी महाराज ,संतोष मिश्रा सहित श्रद्धालु पहंुच रहे हैं।
सप्तमी में कालरात्रि के रूप में की गई पूजा
चिल्हाटी। नवरात्र पर सप्तमी में मंगलवार को ग्राम में स्थित मां शीतला , मां चंडी, मां महामाया की विशेष श्रृंगार कर पूजा अर्चना की गई। शक्ति आराधना के पर्व में श्रद्धालु जुटे हुए हैं। गांव सहित आसपास की सभी छोटे-बड़े देवी मंदिर आस्था की ज्योतिकलश जगमगा रहे हैं। सुबह शाम मंदिरों व घरों में शंख, घिडयाल के साथ श्रद्धा भाव से पूजा की जा रही है। शास्त्रों के अनुसार नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरुपों में मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि की पूजा की गर्ई। बुधवार को अष्टमी पर मां सिद्धिदात्री की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाएगी।