भैरव जयंती महोत्सव में की गई विश्व में कल्याण की कामना
नगर के कोतवाल एवं प्रसिद्ध भैरव सिद्ध तंत्रपीठ में नौ दिनों तक चले भैरव जयंती समारोह का शुक्रवार को समापन हुआ। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। भैरव बाबा के भक्तों ने 151 कन्या तथा 31 ब्राह्मणों के चरण पखारे और पूजा अर्चना की गई।
Publish Date: Fri, 29 Nov 2024 11:44:49 PM (IST)
Updated Date: Fri, 29 Nov 2024 11:44:49 PM (IST)
HighLights
- नौ दिवसीय भैरव महोत्सव का हुआ समापन,
- 151 कन्याओं व ब्राह्मणों के धोये गए पांव
- महाभंडारा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने लिया हिस्सा
नईदुनिया न्यूज, रतनपुर : नगर के कोतवाल एवं प्रसिद्ध भैरव सिद्ध तंत्रपीठ में नौ दिनों तक चले भैरव जयंती समारोह का शुक्रवार को समापन हुआ। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। भैरव बाबा के भक्तों ने 151 कन्या तथा 31 ब्राह्मणों के चरण पखारे और पूजा अर्चना की गई।
मंदिर के महंत प़ं जागेश्वर अवस्थी और साधु संतों ने बालिकाओं की पूजा अर्चना कर उनका आशीर्वाद लिया। उन्हें हलवा, पूड़ी मिष्ठान और फलों में केला, सेब भेंट किए और इसके बाद शृंगार सामग्री दी गई। इसके साथ ही ब्राह्मणों की भी पूजा अर्चना की गई। हज़ारों श्रद्धालुओं ने ब्राह्मणों से आशीर्वाद प्राप्त किए। इसके बाद महाभंडारा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं भोजन प्रसाद ग्रहण किए। नौ दिनों तक चले महोत्सव में देश भर के अलग-अलग जगह से आए साधु संतों ने प्रदेशवसियों की मंगल कामना की। महंत अवस्थी ने सफल आयोजन के लिए सभी श्रद्धालुओं और साधु संतों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि विश्व कल्याण की कामना से भगवान भैरव बाबा की नौ दिनों तक विशेष हवन अनुष्ठान किया गया। इासमें सभी ने सफल बनाने में सहयोग किया। पूजा में भाग लेने वाले आचार्यों में मुख्य रूप पं. दिलीप दुबे, प़ं कान्हा तिवारी पं. महेश्वर पांडेय, पं. राजेंद्र दुबे, पं. राजेशवर मिश्रा, विक्की अवस्थी, सोनू, आचार्य गिरधारी लाल पांडेय, पं. अवनीश मिश्रा, पं. बल्ला दुबे, पं. गौरीशंकर तिवारी, पं. राम सुमित तिवारी , यशवंत पाण्डेय सहित अन्य शाामिल रहे।
माया रुपी सांसारिक बंधन से मुक्ति आवश्यक : दुबे
नईदुनिया न्यूज, मस्तूरी : माया रुपी सांसारिक बंधन से मुक्ति आवश्यक है। इसे श्रीमद भागवत कथा से जान सकते हैं। उक्त बातें श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ कथा में व्यासपीठ से आचार्य टांकेश दुबे ने कही।
उन्होंने भीष्म तिवारी के निवास में आयोजित श्रीमद भागवत कथा में जगनिवास श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया। इस दौरान उन्होंने गोपियों के वस्त्र चोरी, माखन चोरी करने की कथा बड़े ही सुंदर ढंग से सुनाई। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को हमेशा धर्म के मार्ग पर चलकर समाज सेवा में आगे आना चाहिए। मानव जब इस संसार में पैदा लेता है तो चार व्याधि उत्पन्न होते हैं। रोग, शोक, वृद्धापन और अवसान मानव इन्हीं चार व्याधियों से धीर कर इस मायारूपी संसार से विदा लेता है। इसलिए सांसारिक बंधन से मुक्त होकर परमात्मा की शरण में जाने की आवश्यकता है। आज के दौर में परेशानी और अविश्वास बढ़ते जा रहा है। इससे समाज में खींचतान, स्वार्थ, लोभ, दुख. पतन, विकृतियों बढ़ी है ऐसे में समाज को युग के अनुरूप दिशा चिंतन, व्यवहार, परमार्थ के लिए हृदय में परिवर्तन के लिए श्रीमद भागवत कथा पुराण का सुनना चाहिए।