
नारायणपुर। बेनूर थाना से चार किमी दूर नेतानार गांव में शुक्रवार रात दो दर्जन नक्सलियों ने सड़क निर्माण में लगी आठ वाहनों को आग के हवाले कर दिया। घटना के कुछ देर बाद जेसीबी ड्रायवर को आग की लपटें दिखाई दीं। वाहनों को जलने से बचाने अपनी जान को जोखिम में डालकर आग के लपटों को काबू में करने जुट गया । ड्रायवर की सूझबूझ से एक करोड़ रूपए के वाहन आगजनी का शिकार होने से बच गए। सभी वाहन प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत नेतानार से गीदमबेड़ा तक सड़क निर्माण में लगे हैं। वाहन नगर के जायसवाल एंड संस की बताई गई हैं। नईदुनिया से चर्चा में जेसीबी ड्रायवर संतु सोरी ने बताया कि आग की लपटों को देखने के बाद वह जोर से चिल्लाने लगा और कमरे में सो रहे अपने साथियों को उठाकर एक जेसीबी, तीन ट्रैक्टर, एक ट्रक, एक रोलर, एक ट्राली एवं टैंकर को जलने से बचा लिया। बताते हैं कि आगजनी को अंजाम देने आए नक्सली डीजल टैंक को बिना नुकसान पहुंचाए वाहनों के नीचे पैरा रखकर आग लगाया था। नक्सलियों के द्वारा आठों वाहनों के टायर को जलाने के लिए पैरा का उपयोग किया गया। वाहनों के ड्रायवर से पूछताछ किए बगैर पैरा की मदद से आग जलाने के नक्सली तरीके को लेकर पुलिस उलझन में है। नक्सली मामले के जानकार भी इस तरीका को लेकर अचंभित हैं।
हल्बी में लिखा पर्चा छोड़ा
जिले में पहली बार नक्सलियों के द्वारा नक्सली पर्चा में हल्बी भाषा का प्रयोग किया गया है। इससे पहले वे गोंडी और हिन्दी में ही पर्चा लिखते आए हैं। आगजनी के बाद मौके पर छोड़े गए पर्चे में नक्सलियों के द्वारा शहीद ए आजम भगत सिंह की याद में 23 मार्च से 29 मार्च तक साम्राज्यवाद विरोध सप्ताह मनाने की बात कही गई है। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री रमन सिंह द्वारा देश को गुलामी की ओर ले जाने की बात कहते विरोध करने का आहवान किया गया है। पर्चा में आमदई और रावघाट रेललाइन का विरोध करने कहा गया है। पूर्व बस्तर डिवीजन कमेटी की ओर से पर्चा जारी किया गया है। वहीं दण्डकारण्य आदिवासी किसान, मजदूर संगठन, क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन एवं बालक संगठन की ओर से तेंदूपत्ता की मजदूरी बढ़ाए जाने की मांग की गई है। एक अन्य रंगीन पर्चा में 21 फरवरी 2017 को मारे गए नक्सलियों को शहीद का दर्जा देते हुए पर्चा में उनकी रंगीन फोटो जारी कर पुलिस को दुश्मन बताया गया है।