नईदुनिया न्यूज, नारायणपुर: छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ के घने जंगलों में शुक्रवार को सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई जबरदस्त मुठभेड़ में छह कुख्यात माओवादी मारे गए। शनिवार को जब सुरक्षा बलों की टीम नारायणपुर जिला मुख्यालय लौटी, तब मारे गए माओवादियों की पहचान की पुष्टि की गई।
मारे गए सभी माओवादी पीएलजीए (पीपुल्स लिब्रेशन गुरिल्ला आर्मी) प्लाटून क्रमांक-एक से जुड़े थे और हर एक पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम घोषित था। इस तरह कुल ₹48 लाख के इनामी माओवादी इस अभियान में ढेर हुए।
मारे गए माओवादियों में पीएलजीए प्लाटून-एक का कमांडर और डिवीजनल कमेटी सदस्य राहुल पुनेम उर्फ लच्छू भी शामिल है। यह प्लाटून माओवादी शीर्ष नेताओं की सुरक्षा और आवागमन के लिए प्रमुख रूप से इस्तेमाल होती थी। अन्य मारे गए माओवादियों में चार महिला सदस्य उंगी ताटी, मनीषा, ताटी मीना उर्फ सोमरी, कुड़ाम बुधरी व एक पुरुष माओवादी हरीश कोसा शामिल हैं, जो बस्तर, सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों से संबंधित हैं।
पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पट्टलिंगम ने बताया कि परिया-काकुर क्षेत्र में माओवादियों की उपस्थिति की खुफिया सूचना के बाद गुरुवार को नारायणपुर, कांकेर, बस्तर और कोंडागांव जिलों की जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), छत्तीसगढ़ स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ), सीमा सशस्त्र बल (बीएसएफ) की बटालियन ने संयुक्त आपरेशन शुरू किया। शुक्रवार की दोपहर सुरक्षा बलाें की टीम जैसे ही माओवादी ठिकाने तक पहुंची मुठभेड़ शुरू हुई, जो रुक-रुककर चलती रही और अंततः सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली।
आईजी सुंदरराज ने कहा कि बस्तर में माओवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई चल रही है और 2025 में अब तक कुल 204 माओवादी मारे जा चुके हैं। जो माओवादी अब भी भ्रमित हैं, उन्हें आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटना चाहिए, अन्यथा उन्हें सुरक्षा बल के जवान इसी तरह सबक सिखा देंगे।
मुठभेड़ स्थल से सुरक्षा बलों ने एक एके-47 राइफल, एक सेल्फ लोडिंग राइफल (एसएलआर), एक 12 बोर राइफल, 11 बीजीएल (बैरल ग्रेनेड लांचर), 83 बीजीएल सेल और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद किए हैं।