रायगढ़ । चार दिन पहले जेएसडब्ल्यू मोनेट नहरपाली इस्पात में रविवार के दिन डस्ट सेटलिंग चैंबर ब्लास्ट हादसे में गर्म राख में झुलसे इलाजरत असिस्टेंट मैनेजर शंकर कटकवार की मौत रायपुर के निजी अस्पताल में होने का मामला सामने आया है। मिली जानकारी के मुताबिक शंकर कटकवार जांजगीर चाम्पा के मालखरौदा के रहने वाला है।मृतक शंकर कटकवार ने वर्ष 2012 -2013 में बतौर जूनियर इंजीनियर के पद पर मोनेट इस्पात में नौकरी में लगा था। कार्य मे ईमानदारी और लगन व उसके परिश्रम को देखते हुए 9 सालों में जूनियर, सीनियर से होते हुए असिस्टेंट मैनेजर तक का प्रमोशन मिला था। जो गत रविवार को दोपहर लगभग डेढ़ बजे के आसपास डस्ट सेटलिंग चैंबर ब्लास्ट (डीआरआई) हो गया था। जिसकी मरम्मत व सफाई में 1 आपरेटर व 4 अधिकारी सफाई मरम्मत में लगे हुए थे। तभी यह हादसा हो गया था और गर्म राख में ये सभी झुलस गए थे। जिसमें आपरेटर शिव साहू व शंकर कटकवार बुरी तरह से झुलस गए थे,दोनों गम्भीर रूप से झुलसने की वजह से उन्हें एयर एम्बुलेंस से रायपुर के निजी अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया था। इसी बीच गुरूवार की सुबह सहायक मैनेजर शंकर कटकवार की हालत काफी बिगड़ गई और डाक्टरों की लाख कोशिशों के बावजूद कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। वही सीनियर आपरेटर शिव साहू का संक्रमण बढ़ने से हालत चिंताजनक बन गई, जिसे देखते हुए प्रबंधन ने बेहतर इलाज मिलने की उम्मीद में मुंबई के निजी अस्पताल एयर एम्बुलेंस से रिफर कर दिए है। विदित हो कि बीते दिन सुरक्षा विभाग ने लापरवाही की वजह से शिकंजा कसा था जिसमें एक्ट के तहत कार्रवाई भी की गई थी।
दो मासूम के सर से उठा पिता का साया
शंकर कटकवार की दो मासूम बधाी हैं। स्वजन व कम्पनी में कार्यरत कर्मचारियों के बताए अनुसार वह अपनी बेटियों से बेहद प्यार करने वाले शंकर जब भी ड्यूटी से वापस घर लौटता बधाी उससे लिपट जाती थी। जब यह दुखद खबर आई हैं बेटियों समेत पूरे परिवार के लिए यह किसी वज्रपात से कम नहीं॥ अबोध बेटियां तो इस गम से अंजान है कि उनके सिर से पिता का साया हमेशा हमेशा के लिए उठ गया है।