नईदुनिया प्रतिनिधि, रायगढ़: अखिलेश सिंह, परियोजना प्रमुख द्वारा द्वितीय चरण 1600 मेगावाट का निर्माण कार्य का वैदिक पद्धति से किया गया। एनटीपीसी लारा का विस्तारिकरण के अंतर्गत दो नई इकाई (800x2) का निर्माण किया जा रहा है। इसका संविदा भारत हेवी इलैक्ट्रिकल लिमिटेड को प्राप्त हुआ है। कुल 15529.99 करोड़ रुपया की लागत से बन्न वाला यह दो इकाइयां संविदा प्राप्त होने की दिनों से 48 एवं 52 महीनों में कमिशन होगा। लारा की वर्तमान में चल रहे दो 800 मेगावाट का इकाई सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित है जबकि नई बनने वाले दो इकाइयां अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल तकनीक युक्त होगी, जो की वर्तमान इकाईयों 10.5 प्रतिशत से 1 प्रतिशत ज्यादा दक्षता यानि 41.5 प्रतिशत ज्यादा दक्षता सम्पन्न इकाइयां है। ज्यादा दक्षता सम्पन्न यानि कम ईंधन की लागत से बिजली बनाना है। कम कोयला की खपत के कारण यह पर्यावरण हितैषी है। एनटीपीसी लारा स्टेशन को ईंधन की आपूर्ति तलाईपली कोयला खदान से की जा रही है।
कप्टिव कोयला खदान से कोयला आपूर्ति होने के कारण अन्य बिजली सयंत्र के मुक़ाबले लारा परियोजना पश्चिमी क्षेत्र के अन्य परियोजना से काफी कम मूल्यों में बिजली प्रदान कर रहा है। तलाईपली से एनटीपीसी लारा स्टेशन तक 65 किलोमीटर लंबी मेरी-गो-राउंड एनटीपीसी का पहला विद्युत संचालित मेरी-गो-राउंड प्रणाली है, जो की नदी, पहाड़ एवं जंगल से होकर गुजरता है। इसको बनाने के लिए सभी व्यवस्था का ध्यान रखा गया है जिसे पर्यावरण एवं जीव जंतुओं का किसी भी तरह का नुकसान न हो। बहरहाल इस परियोजना के निर्माण के बाद पावर प्लांट आरंभ होते ही छत्तीसगढ़ तथा अन्य प्रस्तावित राज्यो में बिजली आपूर्ति बेहतर होगी।
सात राज्य में होगा आधी बिजली आपूर्ति
रायगढ़ के एनटीपीसी लारा संयत्र से पश्चिमी भारत के 7 राज्यों को बिजली सप्लाई की जाएगी। इसमें छत्तीसगढ के अलावा मध्यप्रदेश, महाराष्ट, गुजरात, गोवा, दमन, दादर नागर हवेली को भी लारा से बिजजी की आपूर्ति की जावेगी। पीपीए के अनुसार छग को 400 मेगावाट बिजली मिलेगी। अब एनटीपीसी लारा ने दूसरे फेस के लिए भी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
53 हजार मेगावाट क्षमता
लारा की पहली यूनिट की कमशिनिंग के साथ ही देश भर में एनटीपीसी की कुल स्थापित क्षमता 52991 मेगावाट तक पहुंच गई है। लारा का प्लांट सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी से युक्त है। इसमें ईंधन के रूप में कोयले का कम उपयोग होगा। एनटीपीसी के देश भर के प्लांट में वर्तमान में लारा में सबसे एडवांस टैक्नालाजी यूज की गई है।