रायगढ़ (नईदुनिया प्रतिनिधि)। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर के 31 मार्च 2022 के आदेश द्वारा 10 रेलों का परिचालन बंद कर दिया गया है। इसमें आठ ट्रेनें छत्तीसगढ़ के रेल मार्गों पर चलती है। इन ट्रेनों को शुरू करने राज्य शासन द्वारा पांच अप्रैल को पत्र लिखा गया था, लेकिन रेलवे द्वारा सकारात्मक पहल नहीं की गई। इसे लेकर आक्रोश प्रगट करने घरघोड़ा नगर पंचायत अध्यक्ष उस्मान बेग ने समर्थकों के साथ घरघोड़ा में रेल रोककर आंदोलन किया। पटरी पर बैठ कर नारेबाजी की। घंटों चले हंगामे के बाद स्थानीय रेलवे प्रशासन एवं पुलिस विश्रभाग के अधिकारियों की समझाइश के बाद प्रदर्शन खत्म हुआ।
प्रदर्शन में मुख्य रूप से लीलाधर साहू, पप्पू लहरे, शिव चौहान, उमेश साव, दया शंकर बहरा, अक्षय राठिया, रामजी, राकेश, रामेश्वर, सोनू , मुकेश जीवन पटेल, विकास राठिया, लक्ष्मण सिदार, आकाश राठिया, प्रवीण शर्मा, पुरसोत्तम चौहान, महेश चौहान समेत भारी संख्या में युवा उपास्थित थे।
छत्तीसगढ़ के साथ भेद-भाव का आरोप :
प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे उस्मान बेग ने कहा कि 23 अप्रैल को छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 23 एक्सप्रेस तथा लोकल ट्रेनों को एक माह के लिए बंद कर दिया गया है। रेलवे की तरफ से कहा गया है कि ट्रैक अपग्रेडेशन वर्क की वजह से यह ट्रेनें नहीं चलाई जा सकेंगी। इन ट्रेनों को रद करने के पहले किसी प्रकार की वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की गई है। इस तरह से भेदभाव किया जा रहा है।
कोयला डंपिंग यार्ड बनाने पर आपत्ति
अधिकारियों से चर्चा में आंदोलन कारियों ने कहा कि घरघोड़ा रेलवे स्टेशन को कोयला खदान के डंप यार्ड की तरह इस्तेमाल किया जा रहा यहां यात्री ऐसे में कैसे प्लेटफॉर्म का उपयोग करेंगे, जो घरघोड़ा जंक्शन की बिल्डिंग बनाई गई है और यात्री गाड़ी के जगह केवल व्यवसायिक लाभ के लिए कोयले की ढुलाई ही होती रहेगी या यात्री ट्रेनों की शुरुवात भी हो पाएगी? साथ ही साथ मुख्य गेट से पहले एंट्री पर अवैध रूप से बेरियर का निर्माण जो किया गया है व वहाँ आने जाने पर आमलोगो को आए दिन रोका जाता है। इसे बंद नही किए जाने पर आने वाले दिनो पर बड़ा आंदोलन कि चेतावनी दी।