रायगढ़ ( नईदुनिया प्रतिनिधि) । अपनों और संगठन की बेबसी के बीच फंसकर कांग्रेस नेता लैलूंगा नगर पंचयात अध्यक्ष मंजू मित्तल को अविश्वास प्रस्ताव में कुर्सी गवांना पड़ गया। अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 9 एवं विपक्ष 4 मत आये जिससे यह प्रस्ताव दो तिहाई बहुमत के आधार पर केवल दशमलव के बीच फंस गया। जहां 4 घंटे के कानूनी व निर्वाचन नियमो के बाद पीठासीन घरघोड़ा एसडीएम ने प्रस्ताव को पारित की।
नगर पंचायत कांग्रेस के पार्षदों ने अपने ही पार्टी के अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अविश्वास प्रस्ताव के लिए कलेक्टर के नाम एसडीएम को आवेदन सौंपे थे। इस आवेदन के बाद से कांग्रेस की राजनीति में उथल-पुथल मचा कर रख दिया था। कांग्रेस पार्षदो ने आवेदन के माध्यम से बताया कि नगर पंचायत लैलूंगा के अध्यक्ष मंजू देवी मित्तल द्वारा नगर विकास के लिये किसी भी प्रस्ताव पर अमल नहीं किया जाता है, अध्यक्ष द्वारा पी.आई.सी की बैठक में मनमाने तरीके से प्रस्ताव करते हुये भ्रष्टाचार किया जा रहा है। नगर में पद आसिन से अब तक साफ-सफाई पेय जल विद्युत व्यवस्था पुरी तरह चरमराई हुई है।
आम जनता के हित हेतु कोई भी कार्यों का इनके द्वारा नहीं कराया जा रहा है। स्वयं के भतीजे एक ठेकेदार है, जिसके साथ मिलकर करोड़ो रूपयों का भ्रष्टाचारकिए जाने आरोप तक लगाए। इन परिस्थितियों के बाद अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। जहां कलेक्टर द्वारा 17 अक्टूबर को मतदान की घोषणा की गई। इस बीच बुधवार को यह प्रस्ताव 9-4 से पारित हो गया।बहरहाल जिन आरोपो को लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया और कांग्रेस के पार्षदो की एकजुटता से पारित हुआ इससे कही न कही कांग्रेस के अंदरूनी खेमे में विधायक एवं संगठन के लिए मंथन का विषय बन गया है।
विधायक और कांग्रेस संगठन की भूमिका सवालों के घेरे में
लैलूंगा जनपद से लेकर पंचायत में कांग्रेस पार्टी के हाथ सत्ता है। इतना ही नही यहां के विधायक कांग्रेस से ही आते है। और उक्त अध्यक्ष उनके के दायरे में सिपहसालार है। दो साल से रस्साकशी चली आ रही है। जिसे समय रहते स्थानीय स्तर में ब्लाक कांग्रेस कमेटी एवं विधायक ने को दिलचस्पी नही दिखाए जिसके चलते उनके ही समर्थक पार्टी के नेता की कुर्सी गिरा दिए। वहीं, कांग्रेस के अध्यक्ष के विरुद्ध अविस्वाश प्रस्ताव कांग्रेस के पार्षदो द्वारा लाना कही ना कही स्थानीय विधायक, कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष भूमिका पर भी सवाल उठते है।
चार घंटे उलझा रहा परिणाम
अविश्वास प्रस्ताव के किए पहले सम्मिलेन कराया गया,उद्बोधन का दौर चला। ततपश्चात करीब 1 से डेढ़ बजे मतदान में मत स्पष्ट हो गया। 9 मत पक्ष में 4 मत विपक्ष में आया जबकि कुल 14 मत रहे।किंतु एक मत रद हो गया। ऐसे में दो तिहाई का कोरम होना जरूरी हो गया। 9 में दशमलव 3 आड़े आ गया । ततपश्चात इस पर पालिका की अधिनियम को खांगला गया। जहां धारा 43 ( क) के तहत आदेशआधे से अधिक बहुमत को पूरा करने पर प्रस्ताव पारित हुआ हैं। इन परिस्थितियों में 4 घंटे तक परिणाम उलझा रहा।
आज अविश्वास प्रस्ताव हेतु सम्मेलन 11 बजे निर्धारित था। अविश्वास प्रस्ताव में कुल 14 मत आए। जिसमे 9 मत पक्ष में 4 मत विपक्ष में व एक मत निरस्त हुआ अविश्वास प्रस्ताव पास हुआ हैं।
- ऋशा ठाकुर,
पीठासीन अधिकारी, एसडीएम घरघोड़ा