रायगढ़ । नईदुनिया न्यूज
कर्ज में डूबे मोनेट इस्पात की रविवार को नीलामी हुई। इसके 53 फीसदी हिस्से को जेएसडब्ल्यू ने खरीद लिया। कंपनी पर 12 हजार 499 करोड़ का बैंक लोन बकाया था।
बैंक की इस नीलामी में सिनर्जी, ब्लैक व जेएसडब्ल्यू कंपनियां शामिल थीं। बाद में इन कंपनियों के बीच में आपसी समझौता हुआ कि जेएसडब्ल्यू को बोली लगाने देंगे। दरअसल इसके पहले भी मोनेट इस्पात एंड एनर्जी की जेएसडब्ल्यू के साथ डील की खबर चल रही थी। मालूम हो कि मोनेट की 53 फीसदी हिस्सेदारी एसडीआर के तहत बैंक के पास थी। बैंक प्रबंधन किसी भी तरह मोनेट को दिए कर्ज की वसूली की कोशिश में था। यही वजह है कि नीलामी के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा था।
सुधरेगी आर्थिक स्थिति
2013 में मोनेट पर 8,606 करोड़ का कर्ज था जो 2015 में बढ़कर करीब 12हजार 499 करोड़ तक जा पहुंचा। इस तरह बैंक के पास 53 प्रतिशत हिस्सेदारी आ गई। अब यह हिस्सेदारी जेएसडब्ल्यू के पास चली गई है। इससे माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में मोनेट की स्थिति में सुधार आएगा और एक बार फिर से कंपनी पटरी पर दौड़ सकेगी।
चालू हो सकती है कोयला खदान
कोल ब्लॉक आवंटन के बाद भी रायगढ़ स्थित मोनेट की कोयला खदान गारे पेलमा 4/7 चालू नहीं हो पाई है। इसके पीछे भी मोनेट की आर्थिक तंगी को जिम्मेदार माना जा रहा था। चूंकि कंपनी के पास एक कोयला खदान है इसलिए भी कंपनियां इसे लेने तैयार हो गइर्। सिनर्जी जैसी फायनेंसर कंपनी की बोली में हिस्सा लेने के पीछे भी कोयला खदान को माना जा रहा है।