Water pouches: रायगढ़। नगरीय निकाय संचालक ने वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से नगर निगम क्षेत्र में सिंगल यूज प्लास्टिक के क्रय- विक्रेता पर कार्यवाही करने तथ्ाा इससे पानी पाउच बनाने पर रोक लगाने के सख्त निर्देश दिए हैं। आदेश के जारी होते ही शहर के आठ और जिले के 13 से अधिक पानी प्लांट के संचालकों की परेशानी बढ़ गई है। जब तक इसका विकल्प नहीं मिल जाता तब तक पाउच में पानी नहीं मिल सकेगा। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत लोगों 250 एमएलपानी के लिए दो रुपये के बजाए तीन गुना अधिक राशि खर्च करनी पड़ेगी।
राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बड़ा मुद्दा है। लोगों में इसके लिए जागरूकता की कमी है। यही कारण है कि इस पर 2017 से लगा प्रतिबंध बेअसर रहा है। अब एक बार फिर बड़े जोर-शोर से सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह प्रतिबंधित करने पर जोर दिया जा रहा है। केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य सरकारों ने इस पर तत्परता दिखाई है। और निर्णय ले लिया है। वहीं वीडियो कांफ्रेसिंग द्वारा बैठक ली गई। संचालक द्वारा निगम क्षेत्र पर प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक क्रेता-विक्रेता पर कार्यवाही करने के साथ विशेष तौर पर पानी पाउच पर रोक लगाने के साथ कड़ाई किये जाने के निर्देश दिए गए। प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक विक्रेताओं पर अर्थदंड के साथ सामग्री जब्त करने की कार्यवाही करने निर्देशित किया गया है। संचालक रायपुर के वीसी बैठक उपरांत रायगढ़ नगर निगम आयुक्त संबित मिश्रा ने शहर के व्यवसायियों को विशेष रुप से अपील किया है कि कोई भी प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक और पानी पाउच क्रय विक्रय न करे। बहरहाल इस आदेश के बाद पानी प्लांट संचालन करने वाले लोगो मे खलबली मच गई वे पानी पन्नाी के बजाए इसके विकल्प की तलाश में है। किंतु यह फौरी तौर में जमीनी स्तर में अमल होता नजर नहीं आ रहा है।
इस तरह लगा सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध
पहला आदेश
तत्कालीन मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह की सरकार में एक जनवरी 2015 से पालीथिन कैरीबैग पर पूर्णत: प्रतिबंध लागू हुआ। यह अधिसूचना 28 दिसंबर 2015 को जारी किया गया। इसके मुताबिक प्लास्टिक कैरीबैग का निर्माण, भंडारण, आयात, विक्रय या परिवहन पर प्रतिबंध लगाया गया।
प्रभाव& यह आदेश कुछ दिनों तक प्रभावी रहा। बाजार में पालीथिन जब्त करके जुर्माना लगाया गया पर इसके निर्माण पर कोई प्रतिबंध नहीं लगा।
दूसरा आदेश
डा. रमन सिंह के कार्यकाल में एक जुलाई 2017 से पालीथिन कैरीबैग पर प्रतिबंध का आदेश निकाला गया।
प्रभाव- यह आदेश पिछले बार की तरह ही अप्रभावी रहा। पालीथिन जब्ती और जुर्माना कार्रवई खानापूर्ति रही।
तीसरा आदेश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में सितंबर 2021 को 75 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक पर रोक लगी।
प्रभाव- सुर्खियों में आने के लिए नगर निगम प्रशासन समय-समय पर कार्रवाई करता रहा और बाजार में खुलेआम पालीथिन खपती रही।
तीसरा आदेश
जुलाई 2022 में 120 माइक्रोन से अधिक मोटाई वाले कैरीबैग पर प्रतिबंध लगाने केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य सरकार ने फिर कार्रवाई शुरू की है।
प्रभाव : अभी आदेश के पालन करने के लिए समितियां गठित की गई हैं। वर्तमान में 1 अगस्त से यह प्रभावी रूप से ज़मीनी स्तर में अमल में लाया गया है।
यह सिस्टम रहा तो प्लांट को ही बंद कर देंगे। इसमें कमाई तो है नहीं। प्रशासनिक कार्रवाई का झंझट क्यों ले। पाउच की प्लास्टिक 60 माइक्रान से अधिक की है। इस सम्बंध में नगर निगम और
अन्य अधिकारियों से चर्चा कर मार्गदर्शन लिया जाएगा।
- अशोक कुमार चन्ावानी, पानी बाटलिंग प्लांट संचालक