रायपुर नईदुनिया प्रतिनिधि
राजधानी में छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा का निर्माण पूरा हो चुका है। इसकी ऊंचाई लगभग 53 फीट है। 51 फीट के शिवजी की जटा पर दो फीट की गंगाजी की मूर्ति बनाई गई है। इसे झारखंड के प्रसिद्ध तीर्थ बाबा बैजनाथ धाम का नाम दिया गया है। प्रतिमा को बनाने में सीमेंट, रेत और बजरी गिट्टी (बारीक पत्थर) का इस्तेमाल किया गया है। लगभग 50 टन वजनी प्रतिमा के ठीक सामने 15 फीट ऊंची नंदीजी (बैल) की प्रतिमा भी बनकर तैयार हो चुकी है। इन दोनों प्रतिमाओं के बीच तीन फीट का शिवलिंग प्रतिष्ठापित किया जाएगा।
पुराने सुभाष स्टेडियम के पास था शिवलिंग
बाबा बैजनाथ धाम समिति के सदस्य पार्षद श्याम चावला बताते हैं कि बाबा बैजनाथ की छोटी सी प्रतिमा पहले नलघर चौक के समीप मंदिर में प्रतिष्ठापित थी। पुराने सुभाष स्टेडियम को तोड़कर उसका सौंदर्यीकरण करके जब आधुनिक स्टेडियम के रूप में तब्दील किए जाने के कारण मंदिर को भी हटा दिया गया। मंदिर की प्रतिमा शिफ्ट करने के लिए स्टेडियम के सामने पड़ी खाली जमीन दी गई। उसी जगह पर राम दरबार की स्थापना की गई और भव्य शिव प्रतिमा स्थापित करने का संकल्प लिया गया। शीघ्र ही मंदिर में शिवलिंग को प्रतिष्ठापित किया जाएगा। संपूर्ण छत्तीसगढ़ में सबसे ऊंची प्रतिमा आकर्षण का केंद्र रहेगी।
मनमोहक गार्डन की खुशबू महकेगी
बाबा बैजनाथ धाम समिति एवं हिंदू स्वाभिमान संगठन के सदस्य राहुल क्षत्रिय बताते हैं कि प्रतिमा के चारों ओर खूबसूरत गार्डन का निर्माण किया जा रहा है। यहां गुलाब, मोगरा, चमेली जैसे फूलों की खुशबू महकेगी। दर्शन करने के साथ ही भक्तगण गार्डन की खूबसूरती, स्वच्छ हवा, हरियाली का आनंद ले सकेंगे।
वॉटर प्रूफ प्रतिमा आंधी-बारिश से रहेगी सुरक्षित
प्रतिमा बनाने वाले ग्राम सिंघौला राजनांदगांव के कलाकार रामकृष्ण साहू बताते हैं कि प्रतिमा को लोहे की छड़ के सहारे मजबूती दी गई है। जमीन से भीतर 12 फुट तक प्रतिमा को खड़ा करने बेस बनाया गया है। इससे यह तेज आंधी, तूफान में भी सुरक्षित रहेगी। प्रतिमा को वॉटर प्रूफ बनाया गया है, ताकि बारिश से प्रतिमा न हो।
अमरकंटक से पत्थर का शिवलिंग आएगा
पुजारी पं. मनीष मिश्रा बताते हैं कि शिव प्रतिमा और नंदी के बीच प्रतिष्ठापित किया जाने वाला शिवलिंग नर्मदा नदी के किनारे अमरकंटक से लाया जाएगा। हरिद्वार में 108 फीट ऊंची शिव प्रतिमा से प्रेरणा लेकर छत्तीसगढ़ में यह प्रतिमा बनाई गई है। उम्मीद है कि सावन महीने में भक्तगण दर्शन लाभ ले सकेंगे।
प्रतिमा की फैक्ट फाइल
0 53 फुट ऊंची
0 सीमेंट, रेत, लोहे की छड़ का इस्तेमाल
0 50 टन से ज्यादा वजन
0 7 लाख रुपये लागत
0 वॉटर प्रूफ
0 भूकंप रोधी, आंधी-तूफान से सुरक्षित