हिंदू संगठनों के विरोध के बाद रायपुर में बड़ी कार्रवाई, चर्च से जमीन वापस ली गई
राजधानी की सबसे बेशकीमती शासकीय भूमि को लेकर वर्ष 2017 से चल रहा संघर्ष खत्म हो गया। शासन ने यूनाइटेड चर्च आफ नार्थ इंडिया ट्रस्ट के कब्जे से लगभग छह एकड़ जमीन वापस ले ली है। चलिए, जानते हैं पूरा मामला।
Publish Date: Tue, 29 Jul 2025 07:44:51 AM (IST)
Updated Date: Tue, 29 Jul 2025 07:44:51 AM (IST)
यूनाइटेड चर्च आफ नार्थ इंडिया ट्रस्ट के कब्जे से लगभग छह एकड़ जमीन वापस ले ली गई(फोटो- नई दुनिया)HighLights
- यूनाइटेड चर्च आफ नार्थ इंडिया ट्रस्ट के कब्जे से लगभग छह एकड़ जमीन वापस ले ली गई
- वर्ष 1922 में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान चर्च ट्रस्ट को रायपुर में भूमि लीज पर दी गई थी
- लीज 31 मार्च 2022 को समाप्त हो चुकी थी, इसके बाद भी ट्रस्ट द्वारा कब्जा रखा गया था।
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: राजधानी की सबसे बेशकीमती शासकीय भूमि को लेकर वर्ष 2017 से चल रहा संघर्ष आखिरकार रंग लाया। शासन ने यूनाइटेड चर्च आफ नार्थ इंडिया ट्रस्ट के कब्जे से लगभग छह एकड़ जमीन वापस ले ली है। यह जमीन सिविल लाइन क्षेत्र में गास मेमोरियल ग्राउंड, राजभवन और आकाशवाणी काली मंदिर के सामने स्थित है।
इस जमीन की कीमत अरबों रुपये आंकी जा रही है। वर्ष 1922 में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान चर्च ट्रस्ट को रायपुर के ब्लाक नंबर 15, प्लाट नंबर पांच में 2,59,476 वर्गफुट (करीब छह एकड़) भूमि लीज पर दी गई थी। यह लीज 31 मार्च 2022 को समाप्त हो चुकी थी। इसके बाद भी ट्रस्ट द्वारा कब्जा जारी रखा गया था। इससे पहले साल 2016 में हिंदू स्वाभिमान संगठन छत्तीसगढ़ के पास जानकारी आई थी कि लीज की जमीन को बेच दिया गया है।
हिंदू संगठनों की आपत्ति
इसको लेकर संगठन ने 14 सितंबर 2017 को तहसीलदार (नजूल) न्यायालय में याचिका दायर की थी। जांच पूरी होने के बावजूद भी कब्जा वापस नहीं लिया गया था। हिंदू स्वाभिमान संगठन के अध्यक्ष विश्वदिनी पांडे का कहना है कि यह तो शुरुआत भर है। राजभवन, आयकर भवन, एलआइसी कार्यालय व गास मेमोरियल के आसपास लगभग 35 एकड़ शासकीय नजूल भूमि पर चर्च ट्रस्ट ने कब्जा जमा रखा है, जिसमें कई प्लाटों पर लीज समाप्त होने के बावजूद ट्रस्ट ने कब्जा बनाए रखा और अवैध विक्रय तथा व्यवसायिक उपयोग शुरू कर दिया।
मतांतरण और अवैध गतिविधियों के आरोप
पांडे ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि इस क्षेत्र में ट्रस्ट द्वारा संचालित भवनों में मतांतरण, अवैधानिक क्रियाकलाप तथा शहरी नक्सली गतिविधियों का संचालन किया जाता रहा है। यह मामला केवल जमीन का ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक सुरक्षा से भी जुड़ा है। शासन की कार्रवाई को मिली सराहना : राजस्व विभाग द्वारा भूमि को शासन में निहित करने की स्वीकृति प्रदान करने के बाद यह संदेश साफ हो गया है कि शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा अब नहीं चलेगा। इसके पूर्व भी नयापारा क्षेत्र में वक्फ बोर्ड के फर्जी दावों को शासन ने खारिज कर बड़ी कार्रवाई की थी। शेष 29 एकड़ भूमि को भी अवैध कब्जे से मुक्त कराने तक संघर्ष जारी रहेगा।
विश्वदिनी पांडे, अध्यक्ष हिंदू स्वाभिमान संगठन ने कहा कि बताया कि वर्ष 2017 से चल रहे संघर्ष के बाद छह एकड़ शासकीय भूमि चर्च ट्रस्ट से वापस ले ली गई है। यूनाइटेड चर्च आफ नार्थ इंडिया ट्रस्ट ने करीब 35 एकड़ शासकीय भूमि पर कब्जा कर उसका अवैध विक्रय और दुरुपयोग किया जा रहा है। यहां मतांतरण, अवैधानिक गतिविधियां और शहरी नक्सलियों की आवाजाही जैसी गंभीर बातें सामने आई हैं। शेष भूमि की वापसी के लिए कानूनी लड़ाई जारी है।
प्रशासन का क्या कहना
रायपुर के कलेक्टर,डॉ. गौरव सिंह ने कहा कि उक्त भूमि एक संस्था को लीज पर दी गई थी। लीज की अवधि समाप्त होने के बाद शासन स्तर पर अब उक्त भूमि को सर्वजनिकहित में उपयोग करने का निर्णय लिया गया है। इस आदेश के बाद जिला प्रशासन ने करीब 6 एक भूमि अपने कब्जे में ले ली है।