
रायपुर। Raipur News तकनीक के इस दौर में इंटरनेट मीडिया हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गया है, जहां पूरे विश्व को एक मंच पर लाकर खड़ा किया है। वहीं इसके नकारात्मक पहलू भी साइबर अपराध, साइबर ठगी के रूप में उभरकर सामने आ रहे हैं। तकनीक के इस दौर में अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए जब हम इंटरनेट के माध्यम से उसका प्रचार-प्रसार करते हैं, खरीदी या बिक्री करते हैं तो उसे ई-कामर्स कहा जाता है। इसके लिए इंटरनेट मीडिया सरल माध्यम है। अगर फेसबुक, इंस्टाग्राम चलाते हैं तो आपने देखा होगा कि बहुत सारे प्रोडेक्ट के विज्ञापन आपको दिखते हैं। अगर आप इंटरनेट मीडिया के विज्ञापन देखकर कोई प्रोडक्ट मंगाते हैं तो आपको सावधान रहने की जरूरत है। रायपुर पुलिस ने अलर्ट किया है। दरअसल शादी और वेलनटाइन का समय आने पर लोग जमकर आनलाइन खरीदारी करते हैं।
ठगी के तरीके
- इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, इंस्ट्राग्राम आदि में प्रोडक्ट का लुभावना आकषर्क फोटो डाला जाता है। कीमत भी कम बताई जाती है। वहां एक कांटेक्ट नंबर दिया होता है। इसमें आपको काल करना होता है। जब आप काल करते हैं तो आपको एडवांस राशि जमा करनी होती है।
पहले आर्डर की डिलीवरी आपको ईमानदारी से की जाएगी। ठग आपका विश्वास जीतेंगे और दूसरे या तीसरे आर्डर पर आपसे पैसे डलवा कर सामान नहीं भेजेगा
भरोसेमंद साइट से करें शापिंग
कई बार सस्ती चीजें देखकर लोग किसी अनजान साइट पर शपिंग करने से भी नहीं हिचकिचाते हैं। हालांकि ज्यादातर अनजान साइट सेफ नहीं होती हैं। यहां शापिंग करने से आपका अकाउंट हैक होने की आशंका रहती है और आप साइबर ठगी के भी शिकार हो सकते हैं, इसलिए आनलाइन शापिंग करने के लिए किसी भरोसेमंद और जानी-पहचानी साइट का चुनाव करना बेहतर रहता है।
पेमेंट प्रोसेस पर दें ध्यान
आनलाइन शापिंग करने के बाद पेमेंट करने के कई आप्शन मौजूद रहते हैं। ऐसे में वेरीफाइड बाई वीजा या मास्टरकार्ड सिक्योर कोड का इस्तेमाल सबसे बेस्ट होता है। इस पेमेंट सिस्टम से खरीदारी करने पर धोखाधड़ी की आशंका कम रहती है और आप अच्छे से जांच-परख के बाद पेमेंट कर सकते हैं।
कैश आन डिलीवरी का चुनें विकल्प
- अपने बैंक अकाउंट को सेफ रखने के लिए सीओडी यानी कैश आन डिलीवरी का विकल्प चुनना आपके लिए ज्यादा सेफ रहेगा। इससे आपको अपना बैंक डिटेल शेयर करने की जरूरत नहीं होगी। जब सामान घर पर पहुंच जाएगा, तब ही आपको कैश पेमेंट करना होगा।
अपने एटीएम की डिटेल्स सेव न करें
आनलाइन शापिंग करते समय, पेमेंट करते हुए कभी भी अपने एटीएम कार्ड की डिटेल्स सेव न करें। कई बार साइट पर कार्ड की डिटेल भरते हुए सेव कार्ड डिटेल का आप्शन आता है और यस पर टिकमार्क होता है, जिस पर ध्यान न देते हुए लोग ओके का बटन क्लिक कर देते हैं, जो बिल्कुल सुरक्षित नहीं है। इस आप्शन को ध्यान से पढ़कर नो पर क्लिक करें, जिससे आपका बैंक अकाउंट सेफ रहने में मदद मिलेगी।
शापिंग के लिए किसी आफिशियल वेबसाइट या एप का चुनाव करें
फर्जी वेबसाइट और एप बनाकर भी हैकर्स लोगों को अपना शिकार बनाते हैं, इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि किसी भी वेबसाइट या एप से शापिंग करने से पहले उसकी वास्तविकता जरूर जांच लें। कोशिश करें कि जो प्रोडक्ट आप खरीदने जा रहे हैं उसकी आधिकारिक वेबसाइट या एप का इस्तेमाल करें। अगर ऐसा संभव नहीं हो तो किसी विश्वसनीय शापिंग साइट या एप का सहारा लें।
वेबसाइट के यूआरएल का ध्यान रखना भी जरूरी
- आनलाइन शापिंग करते समय आप उस वेबसाइट का यूआरएल जरूर चेक करें, जिससे शापिंग करने जा रहे हैं, वेबसाइट के यूआरएल की शुरुआत एचटीटीपीएस से होनी चाहिए, न कि एचटीटीपी. इसमें एस का मतलब आपको ये बताता है कि इसको गूगल द्वारा सिक्योर्ड किया गया है।
वर्जन
अब ज्यादातर लोग आनलाइन शापिंग करने लगे हैं। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं होती है कि जिससे वे शापिंग कर रहे हैं, वह अधिकृत वेबसाइट है कि नहीं। ऐसे में लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं। आनलाइन शापिंग करते समय अधिकृत वेबसाइट के साथ अन्य बातों को ध्यान रखना जरूरी है।
- गौरव तिवारी, निरीक्षक, साइबर क्राइम, रायपुर