रायपुर। Chhattisgarh News: भाजपा नेता और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार जनता को बेवकूफ बना रही है। उन्होंने सरकार से प्रश्न किया है कि खाद्य सुरक्षा के नाम पर केंद्र सरकार ने 5 किलो चावल दिया। यह चावल गरीबों तक नहीं पहुंचा। यहां चेहरा चमकाओ आभियान चल रहा है। कोविड काल में प्रधानमंत्री ने पांच किलो चावल दिया। भूपेश सरकार ने भी पांच किलो चावल देने की घोषणा की। राजेश मूणत ने कहा, राज्य सरकार ने गरीबों का निवाला छीना है। पांच हजार करोड़ से ज्यादा का चावल गायब हो गया। इतना चावल गरीबों के पास नहीं पहुंचा है।
राजेश मूणत ने बताया कि वर्ष 2022 में गरीबी रेखा जीवन यापन करने वाले परिवारों के राशन कार्डों की संख्या 63 लाख 73 हजार 834 है एवं इनमें कुल सदस्य 2 करोड़ 33 लाख 18 हजार 751 है। केंद्र सरकार द्वारा कोविड महामारी के चलते गरीब परिवारों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत प्रति माह प्रति सदस्य 5 किग्रा, अतिरिक्त चावल की व्यवस्था कराई गई जो अप्रैल 2020 से दिसम्बर 2022 तक नियमित रूप से प्रदान की जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में निवासरत गरीब परिवारों के लिए 11 लाख 53 हजार 380 क्विंटल प्रति माह चावल राज्य सरकार को आबंटित किया गया।
• इस प्रकार अप्रैल 2020 से दिसम्बर 2022 तक कुल 33 महीने तक केंद्र सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत राज्य सरकार को 3 करोड़ 80 लाख 61 हजार 540 क्विंटल चावल का अतिरिक्त आबंटन दिया गया। राज्य सरकार द्वारा अप्रैल 2020 से दिसम्बर 2022 तक गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत 2 करोड़ 29 लाख 80 हजार 711 क्विंटल चावल का वितरण किया गया है।
• इस प्रकार केंद्र सरकार द्वारा गरीब परिवारों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत भेजे गए अतिरिक्त चावल में राज्य सरकार ने 1 करोड़ 50 लाख 80 हजार 829 क्विंटल चावल का वितरण नहीं किया। वर्तमान में चावल का बाजार मूल्य 3,400 /- प्रति क्विंटल है इस अनुसार अवितरित चावल 1 करोड़ 50 लाख 80 हजार 829 क्विंटल लगभग का बाजार मूल्य लगभग 5 हजार 127 करोड़ रूपये लगभग है । इस हिसाब से लगभग 5 हजार 127 करोड़ रूपये लगभग का राज्य सरकार द्वारा घोटाला किया गया है।
मूणत ने कहा कोरोनाकाल में निर्धन जनता को सहारा देने के लिए शुरू की गई पीएम गरीब कल्याण योजना में हुए घोटाले का है। गरीबों के हक का अनाज भी डकार जाने वाली भूपेश बघेल सरकार के संरक्षण में हुआ यह घोटाला साक्ष्यों के आधार पर सामने आया है। केंद्र सरकार ने राशन वितरण में फर्जीवाड़ा रुकवाने के लिए आनलाइन पीओएस मशीन लोगों के आधार लिंक और थंब इंप्रेशन को जरूरी किया हुआ है। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ में गरीबों के अनाज की कालाबाजारी की की गई है। राज्य सरकार ने अपने पीडीएस सिस्टम के माध्यम से केंद्र से मिलने वाले चावल को बांटने में हेरफेर की है, क्योंकि केंद्र और राज्य के आंकड़ों में मिलान नहीं हो पा रहा है। एक अहम सवाल यह भी है कि भूपेश बघेल सरकार ने कोरोनाकाल, में वितरित चावल का आडिट भी नहीं करवाया है। इससे संदेह प्रबल हो जाता है कि राज्य शासन के संरक्षण में बड़े पैमाने पर चावल घोटाला किया गया है।