नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर : झारखंड के पलामू जिले में मंगलवार को एनकाउंटर में ढेर गैंगस्टर अमन साहू (अमन साव) को सोमवार रात 8.11 बजे रायपुर से लेकर निकली थी। रांची पहुंचने से पहले रास्ते में यह घटना हो गई। अमन पर छत्तीसगढ़ में अलग-अलग थानों में पांच मामले दर्ज हैं।
एनकाउंटर के बाद अब अमन की फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई है। यह साफ तौर पर फोटोशूट की तरह दिख रहा है। अमन बैरक के अंदर है। बाहर से गेट बंद है। यह फोटो उसी दिन की बताई जा रही है कि जिस दिन वह जेल में गया था।
अमन साहू रायपुर सेंट्रल जेल में पिछले 148 दिनों से बंद था। इस दौरान उसने जेल में न केवल रील बनाई बल्कि फोटोशूट भी कराया जो अब चर्चा का विषय बन गया है।
इस फोटो के वायरल होते ही कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि अगर एक गैंगस्टर को जेल में फोटोशूट करने की अनुमति मिली, तो जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा होता है।
रंगदारी नहीं देने पर उसके द्वारा फायरिंग करवाई गई थी। 13 जुलाई 2024 को अमन साहू ने झारखंड जेल में रहते हुए अपने शूटरों को रायपुर भेजकर तेलीबांधा थाना क्षेत्र के पीआरए ग्रुप के बाहर फायरिंग करवाई थी।
अमन को 14 अक्टूबर को कारोबारी पर फायरिंग मामले में रायपुर लाया गया था। इसके अलावा पांच मामले और भी अमन के खिलाफ दर्ज हैं। इसके बाद से 148 दिन तक वह रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद था।
रायपुर पुलिस ने 26 मई को अमन साहू गैंग के पांच शूटरों को वारदात के पहले दबोच लिया था। होटल में 48 घंटे तक चले गोपनीय अभियान के तहत शूटर पकड़े गए थे। इसके बाद अमन ने जेल में रहते हुए 13 जुलाई को पीआरए ग्रुप के बाहर फायरिंग करवाई।
इसके बाद दोनों मामलों में कुल 17 सदस्य पकड़े गए। अक्टूबर में प्रोड्क्शन वारंट में उसे रायपुर लाया गया। उसके बाद से सेंट्रल जेल रायपुर में बंद था।
ठेकेदार प्रहलाद अग्रवाल ने झारखंड में लगभग 800 करोड़ का काम लिया। अमन गैंग के सदस्यों ने रंगदारी मांगी। पैसे देने के लिए एक बैठक बुलाई गई। इसमें अमन के गैंग के चार सदस्य मौजूद थे। इसकी सूचना एटीएस को मिल गई। एटीएस ने चार गुर्गों को दबोच लिया। इसके बाद से अमन बौखलाया हुआ था। उसने रायपुर ठेकेदार के आफिस के बाहर फायरिंग करवा दी।
रायपुर पुलिस की रिमांड पूरी होने के बाद 19 अक्टूबर को गैंगस्टर अमन साहू को न्यायिक रिमांड पर रायपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया था।