
आकाश शुक्ला, रायपुर। Raipur News खून की जांच के दौरान कई बार नस नहीं मिलने से मरीजों और चिकित्सकीय स्टाफ को काफी परेशानी होती है। बार-बार सुई चुभाना मरीज के लिए बहुत ही पीड़ादायक होता है। इस समस्या को देखते हुए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) रायपुर के शोधार्थी ने ऐसा आटोमेटिक ब्लड टेस्टिंग डिवाइस तैयार किया है, जो हाथ व शरीर के किसी भी अंग में नस ढूंढकर जरूरत के हिसाब से खुद ही खून निकाल लेगा।
बायो मेडिकल इंजीनियरिंग विभाग के शोधार्थी सुमित कुमार राय ने बताया कि आटोमेटिक ब्लड टेस्टिंग डिवाइस में ट्रांसमीटर, रिसीवर, माइक्रो कंट्रोलर, सोनार व रेडार जैसे उपकरणों का उपयोग किया गया है, जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) तकनीक पर काम करता है। डिवाइस को शरीर के अंग पर लगाते ही ट्रांसमीटर किरणें छोड़ने लगता है। यह किरणें ज्यादा खून वाली नसों को चिह्नित कर जानकारी रिसीवर को भेज देती हैं। इसके बाद डिवाइस रेड लाइट के माध्यम से सिग्नल देकर यह बता देता है कि नस कहां पर है और उसमें से कितना खून निकाल सकते हैं। अब डिवाइस में लगे स्टेपर मोटर की सहायता से सुई आटोमेटिक उस नस की सही जगह पर पहुंचकर चुभ जाती है और जरूरत के हिसाब से खून निकाल लेती है। यह सारी प्रक्रिया लगभग 45 सेकंड में ही पूरी हो जाती है। प्रक्रिया पूरी होने की जानकारी डिवाइस में लगे यलो लाइट सिग्नल के माध्यम से मिल जाती है।
डिवाइस को जरूरत के अनुसार कर सकते हैं सेट
शोधार्थी सुमित ने बताया कि घड़ी के आकार की इस आटोमेटिक ब्लड टेस्टिंग डिवाइस की ऊंचाई आठ सेंटीमीटर है। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि रखरखाव में आसानी हो। इसके उपयोग की सारी प्रक्रिया बेहद साधारण है। सुई चुभाने और खून निकालने के लिए जरूरत के हिसाब से डिवाइस को सेट भी किया जा सकता है। खास बात यह भी है कि शरीर में दो नसें जुड़ी होने पर यह एक ही नस से जितने खून की आवश्यकता है, उतना ही निकालेगा।
उपयोग के लिए आइसीएमआर को पत्र
शोधार्थी सुमित ने बताया कि आटोमेटिक ब्लड टेस्टिंग डिवाइस को बनाने में करीब 11 हजार रुपये का खर्च आया है। प्रोडक्ट के तौर पर यह बाजार में आया तो इसकी कीमत 10 हजार रुपये से भी कम होगी। डिवाइस को पेटेंट मिल चुका है। अस्पतालों में उपयोग के लिए इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) को पत्र लिखा गया है। जल्द ही अनुमति भी मिल जाएगी।
शोध पर एक नजर
45 सेकंड में प्रक्रिया पूरी करता है ब्लड टेस्टिंग डिवाइस
11 हजार रुपये डिवाइस को बनाने में आया है खर्च
10 हजार से कम कीमत पर होगा बाजार में उपलब्ध
शोधार्थी के गाइड ने क्या कहा
एनआइटी बायो मेडिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्राध्यापक डा. सौरभ गुप्ता ने बताया कि मरीजों की खून की जांच को आसान करने के लिए यह डिवाइस तैयार किया गया है। आइसीएमआर को अस्पतालों में प्रयोग की अनुमति के लिए पत्र लिखे हैं।
श्रीशंकराचार्य इंजीनियरिंग कालेज, रायपुर के इलेक्ट्रानिक एंड टेलीकम्युनिकेशन सह प्राध्यापक डा. हेमलता सिन्हा ने बताया कि शोध के दौरान आटोमेटिक ब्लड टेस्टिंग डिवाइस के परिणाम काफी अच्छे रहे हैं। इलाज के दौरान खून की जांच के लिए यह डिवाइस बेहद उपयोगी साबित होगी।