रायपुर। एमबीबीएस, एमडी/एमएस समेत आयुर्वेद, होमियोपैथी डिग्रीधारी शख्स अपने नाम के आगे 'डॉक्टर" लिखते हैं, लेकिन क्या इन्हें 'डॉक्टर" लिखने की पात्रता है। ऐसा कोई नियम भी है? आयुष विश्वविद्यालय ने सूचना के अधिकार में जो जवाब दिया है, वह चौंकाने वाला है।
विवि ने स्पष्ट कहा है कि वे 'डॉक्टर" लिखकर किसी भी छात्र को डिग्रियां नहीं बांटते। नियम में कहीं 'डॉक्टर" का उल्लेख नहीं है। विवि ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्रियां देता है। नियमानुसार सिर्फ पीएचडी धारी ही 'डॉक्टर" लिखने के लिए अधिकृत हैं।
'नईदुनिया" पड़ताल में सामने आया कि रायपुर समेत पूरे राज्य यहां तक की देशभर के सभी मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस पास-आउट होने के बाद इंटर्नशिप के पहले ही छात्र नाम के आगे 'डॉक्टर" लिखना शुरू कर देते हैं। यह सिर्फ चलन में है, दस्तावेजी प्रमाण नहीं है।
एमबीबीएस, एमडी/एमएस डिग्रीधारियों के पंजीयन करने वाली संस्था मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई), बीडीएस, एमडीएस डॉक्टरों के पंजीयन की संस्था डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीआई) और बीएएमएस डिग्रीधारियों के पंजीयन की संस्था सीसीआईएम के नियमों में भी 'डॉक्टर" लिखे जाने का जिक्र नहीं है। तो सवाल यह है कि सब नियम-विरुद्ध ही लिख रहे हैं? देशभर में इसे लेकर सालों से बहस चल रही है, लेकिन हर कुछ भी नहीं निकला।
दुरुपयोग का खतरा बढ़ा
गांव, कस्बों यहां तक की शहर में भी किसी शख्स ने अपने नाम के आगे डॉक्टर लिखा है तो व्यक्ति उसे डॉक्टर समझते हैं और इलाज करवाने पहुंच जाते हैं। यह नहीं देखते कि उसके पास डिग्री क्या है? छोलाछाप कथित डॉक्टर इसी का फायदा उठा रहे हैं। ये एलोपैथी से लेकर हर विधा का इलाज कर रहे हैं। जो मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ भी है।
ऐसा होना चाहिए लिखने का तरीका
अभी ये लिख रहे- डॉ. संजय शर्मा, एमबीबीएस, एमडी
ये लिखना चाहिए- संजय शर्मा, एमबीबीएस, एमडी (नाम का उल्लेख बतौर उदाहरण किया गया है)
विवि ने आरटीआई में ये दिया जवाब
एमबीबीएस, एमडी/एमएस, बीडीएस, एमडीएस, बीएएमएस, एमडी/एमएस आयुर्वेद, बीएचएमएस, बीएनवाईएस की उपाधि परीक्षाओं के अध्यादेश परीक्षा परिणाम अधिसूचना में उपाधि पत्र में उपरोक्त परीक्षा उत्तीर्ण छात्रों के नाम के सामने 'डॉ" शब्द लिखने/संबोधित करने का विवि के नियमों में उल्लेख नहीं है।
भ्रम की स्थिति है
इसे लेकर हमेशा से ही भ्रम की स्थिति रही है, मैं तो यह कहता हूं कि आज फिजियोथैरेपी और अन्य पाठ्यक्रम वाले भी डॉक्टर लिखने लगे हैं। ऐसे में कौन किस चीज का डॉक्टर है यह स्पष्ट ही नहीं होता। कायदे से डॉक्टर न लिखकर, नाम के पीछे डिग्री का उल्लेख करना चाहिए।
-डॉ. महेश सिन्हा, अध्यक्ष, आईएमए रायपुर इकाई
पीएचडी वाले ही लिख सकते हैं डॉक्टर
विवि नियमों में कहीं उल्लेख नहीं है और न ही विवि किसी ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट छात्र को डॉक्टर लिखकर डिग्री देते हैं। सिर्फ पीएचडी होल्डर ही डॉक्टर लिख सकते है। यह गलत तो है ही, लेकिन चलन में आ गया है।
-प्रो. केएल तिवारी, रजिस्टार, आयुष विश्वविद्यालय