
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: गैंगस्टर अमन साव के करीबी गुर्गे व इंटरनेट मीडिया पर धमकियां देने वाले आरोपित सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह को 10 दिसंबर को रायपुर पुलिस लेकर आएगी। इस आरोपित को इंटरपोल की मदद से अजरबैजान में गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में यह झारखंड की जेल में बंद है। रायपुर की अदालत ने इसके लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया है।
जुलाई 2024 में तेलीबांधा स्थित पीआरए ग्रुप के दफ्तर में हुए शूटआउट मामले में मयंक सिंह प्रमुख आरोपित है। इस घटना में गैंगस्टर अमन साव के शूटरों ने आफिस के बाहर फायरिंग की थी। इस केस में रायपुर पुलिस ने अमन साव गैंग के एक दर्जन से अधिक गुर्गों को गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि मयंक देश से बाहर बैठकर गैंग को आपरेट कर रहा था और इंटरनेट मीडिया के माध्यम से धमकियां दे रहा था।
मार्च 2025 में अमन साव एनकाउंटर में मारा गया था। पुलिस के मुताबिक उसके बाद गैंग की कमान मयंक सिंह ने संभाल ली थी। वह इंटरनेशनल गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई का करीबी भी माना जाता है और अमन एवं लारेंस नेटवर्क के बीच कड़ी के रूप में काम करता था।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि मई 2024 में रायपुर में हमले की योजना से पहले हरियाणा और झारखंड के शूटर गिरफ्तार किए गए थे। इसी दौरान मयंक सिंह ने ईमेल कर कहा था ’गैंग में शूटरों की कमी नहीं है, मांग पूरी नहीं हुई तो गोली चलेगी और निशाना नहीं चूकेगा।’ इसके दो महीने बाद 13 जुलाई 2024 को पीआरए दफ्तर के पास बाइक सवार शूटरों ने फायरिंग की। एक महीने के भीतर पुलिस ने अमन साव समेत 12 आरोपितों को गिरफ्तार किया। वहीं, मयंक देश से बाहर फरार रहा, जिसे बाद में अजरबैजान से पकड़ा गया।
अमन साव को अक्टूबर 2024 में प्रोडक्शन वारंट पर रायपुर लाया गया था। मार्च 2025 में झारखंड वापस ले जाते समय उसने भागने की कोशिश की, जहां जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।
अमन साव और उसके एक दर्जन साथी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। सुनील राणा उर्फ मयंक सिंह को भी इस केस में आरोपित बनाया गया है। उसे प्रोडक्शन वारंट में रायपुर लाया जाएगा। उसकी गिरफ्तारी और पूछताछ की जाएगी।
- संजय सिंह, डीएसपी क्राइम, रायपुर