राज्य ब्यूरो, नईदुनिया रायपुर: भारतमाला परियोजना में करोड़ों रुपये के घोटाले में फरार चल रहे तत्कालीन एसडीएम निर्भय साहू, तहसीलदार शशिकांत कुर्रे, नायब तहसीलदार लखेश्वर प्रसाद किरण और पटवारी समेत छह आरोपितों के खिलाफ ईओडब्ल्यू-एसीबी ने बड़ा कदम उठाया है। विशेष कोर्ट से 29 जुलाई को सभी को उपस्थित होने की उद्घोषणा जारी कराई गई है।
यदि वे पेश नहीं होते हैं, तो कोर्ट अवहेलना दर्शाकर उनकी संपत्ति कुर्की का आदेश लिया जा सकता है। घोटाले में शामिल इन अफसरों में एक एसडीएम, एक तहसीलदार, एक नायब तहसीलदार और तीन पटवारी शामिल हैं। इन पर रायपुर से विशाखापट्टनम तक प्रस्तावित 463 किलोमीटर फोरलेन सड़क निर्माण परियोजना में मुआवजा तैयार करने में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये की रकम गबन करने का गंभीर आरोप है।
बता दें कि मुख्य आरोपित जितेंद्र साहू (पटवारी), बसंती घृतलहरे (पटवारी), निर्भय साहू (एसडीएम), शशिकांत कुर्रे (तहसीलदार), लखेश्वर प्रसाद किरण (नायब तहसीलदार), लेखराम देवांगन (पटवारी) पर ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज की थी।
17 जनवरी 2024 को सौंपी गई रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया कि यह सुनियोजित घोटाला था। इसमें विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी खजाने को 48 करोड़ का नुकसान पहुंचाया गया। बता दें कि इस मामले में निलंबित पटवारी सुरेश कुमार मिश्रा ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली थी।
भारतमाला परियोजना के तहत ढेका-उरगा राष्ट्रीय राजमार्ग 130ए बन रहा है। एनएचएआई की शिकायत के बाद जब जांच हुई तो भूमि घोटाले का खुलासा हुआ। भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए 20 फरवरी 2018 को केंद्र सरकार ने भूमि अधिग्रहण के लिए थ्री-डी अधिसूचना जारी की थी।
जब थ्री-डी जारी हुआ जमीन पर बटांकन कम था, लेकिन जैसे ही अधिग्रहण की सूचना जारी हुई तो पता चला कि जमीन में 33 बटांकन हो चुका है और जमीन के 76 मालिक बन चुके है। एनएचएआई ने रिकॉर्ड खंगाला तो पता चला कि ग्राम ढेका में जमीनों का विभाजन कई टुकड़ों में कर दिया गया था, कई खसरा नंबरों पर साल 2017 में ही बंटवारा दर्शाया गया है, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि ये विभाजन थ्री-डी अधिसूचना से भी पहले के थे।