संदीप तिवारी, रायपुर। रायपुर समेत प्रदेश भर में चल रही मुहल्ला कक्षाओं को अब ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के साथ जोड़ा जाएगा। इसके जरिए शिक्षकों की उपस्थिति तय की जाएगी और अधिकतम हर तीन किलोमीटर में एक मुहल्ला कक्षा अनिवार्य किया जा रहा है। किसी भी स्कूल का बच्चा किसी भी मुहल्ले में जाकर शामिल हो सकता है, शिक्षक उसकी ऑनलाइन एंट्री करेगा। इससे यह ट्रेस हो सकेगा कि कितने बच्चे इन कक्षाओं में शामिल हो रहे हैं। अभी तक मनमानी कक्षाएं चल रही थी, अब इसे अधिकृत रूप से चलाया जाएगा और शिक्षकों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।
मुहल्ला कक्षाओं के साथ विद्यार्थियों की ऑनलाइन पढ़ाई भी जारी रहेगी। ई-पाठशाला की नई गाइडलाइन के अनुसार, जो अभिभावक बच्चों को मोहल्ला कक्षाओं में नहीं भेज रहे हैं या वह नियमित नहीं हैं। ऐसे परिवारों को चिह्नित किया जाएगा। इन अभिभावकों के घर प्रधानाध्यापक व शिक्षक पहुंचकर उनकी काउंसिलिंग करेंगे।
कोरोना संक्रमण के रोकथाम एवं नियंत्रण तथा बच्चों की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए रायपुर जिले में एक हजार से अधिक स्थानों पर मोहल्ला कक्षाएं संचालित किया जा रहा है।
मोहल्ला कक्षा का संचालन पालकों की सहमति व सहयोग से सामुदायिक भवन परिसर, रंगमंच, हाल, सेड, वृक्षों के नीचे चबूतरा आदि स्थानों में किया जा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी एएन बंजारा ने बताया कि गत वर्ष पहली से आठवीं तक ही के बच्चों के लिए पढ़ई तुंहर दुवार के अंतर्गत मोहल्ला कक्षा संचालित की जा रही थी। इस वर्ष कक्षा नवमी से बारहवीं के लिए भी मोहल्ला कक्षा प्रारंभ कर दी गई है।
हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्यों द्वारा विषयावर मोहल्ला क्लास की समय सारणी बनाकर मोहल्ला कक्षा संचालित किया जा रहा है। मोहल्ला कक्षा में शिक्षकों के द्वारा आमा राईट प्रोजेक्ट, बच्चों से जमा कराया जा रहा है तथा उनसे फीडबैक लिया जा रहा है। साथ ही सेतु अभियान अंतर्गत पूर्व कक्षा के 30 प्रतिशत विषयवस्तु का अध्यापान कराया जा रहा है।
बता दें कि जिला शिक्षा अधिकारी के अतिरिक्त, जिला मिशन समन्वयक, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक, सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं।