रायपुर। बीएससी नर्सिंग की प्रवेश परीक्षा में शामिल परीक्षार्थियों से ठगी करने वाले गिरोह का मास्टर माइंड बिहार के विधायक का करीबी निकला। गिरोह के पास एक नहीं कई राज्यों की प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा 10 से अधिक ऑनलाइन शॉपिंग साइट से खरीदी करने वाले ग्राहकों के नाम-पते, मोबाइल नंबर आदि डेटा मिले हैं।
यह खुलासा जब्त तीन लैपटॉप से हुआ है। हजारों लोगों के डेटा को देखकर पुलिस अफसर भी चौंक गए। इनके जरिए ही गिरोहबाज एक-एक परीक्षार्थी को सीधे कॉल कर दाखिला दिलाने, परीक्षा में पास कराने के नाम पर सौदेबाजी कर पैसा ठगते थे।
पुलिस की गिरफ्त में आए गिरोहबाज सीजन कुमार और संदीप ने पूछताछ में गिरोह के मास्टर माइंड समेत छह लोगों के नाम-पते बताए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि दिल्ली की विभिन्न आउट सोर्सिंग कंपनियों के कर्मचारियों को मोटी रकम देकर परीक्षार्थियों का डेटा हासिल करने बाद 20-20 रुपये में प्रत्येक परीक्षार्थी का डेटा सरकारी स्कूल के शिक्षक ने उपलब्ध कराया है।
पुलिस का दावा है कि गिरोह का मास्टर माइंड दिल्ली में बैठकर देश भर में सैकड़ों ठगी की वारदात कर चुका है। गिरोह के मास्टर माइंड, शिक्षक के अलावा छह गिरोहबाज की पुलिस को तलाश है।
डीएसपी अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिए गए नवादा जिले के वाल्टलीगंज थाना क्षेत्र के ग्राम मीरदीघहा निवासी सीजन कुमार और संदीप उर्फ सोनू से पूछताछ में बिहार गिरोह से जुड़ी कई अहम जानकारी मिली है। गिरोह के पास शॉप लॉबी, फ्लिपकार्ट, क्लब फैक्टरी, इंडियन पोस्ट कार्ड समेत अन्य ऑनलाइन शॉपिंग साइट के ग्राहकों के डेटा के अलावा व्यापमं, बिहार, राजस्थान, दिल्ली, मध्यप्रदेश समेत अन्य राज्यों की विभिन्ना प्रतियोगी परीक्षाओं के परीक्षार्थियों का डेटा उनके फॉर्म समेत मिले हैं।
तीन लेयर में काम
बिहार के नवादा, बिहार शरीफ, नालंदा के 10 से अधिक गांवों के रहने वाले शातिर गिरोहबाज देश भर में ठगी की वारदात कर चुके हैं। गिरोह का काम तीन लेयर में होता है। पहला लेयर परीक्षार्थियों का डेटा आउट सोर्सिंग कंपनियों के कर्मचारियों से खरीदकर कलेक्शन करता है। फिर इसे बिहार गिरोह को बेच दिया जाता है। इसके बाद गिरोहबाज एक-एक परीक्षार्थी को कॉल कर परीक्षा में पास कराने, दाखिले दिलाने के साथ तरह-तरह के पैंतरे अजमा कर पैसे ठग लेते हैं।
हर हफ्ते 35 लाख कलेक्शन
देश भर में ठगी का जाल फैलाकर बिहार गिरोह ने अपना महीने का टर्न ओवर डेढ़ से दो करोड़ रुपये तक कर लिया है। जबकि सलाना टर्न ओवर करोड़ों का है। हर हफ्ते नियमित रूप से सरगना 25 से 30 लाख रुपये का हिसाब-किताब करने बिहार आता है, फिर वापस दिल्ली लौट जाता है। किराये के बैंक खाते में ठगी के पैसे जमा करने के एवज में खाताधारक को 10 से 20 प्रतिशत तक कमीशन दिया जाता है।