रायपुर, राज्य ब्यूरो। Conversion Issue: छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल क्षेत्र सुकमा सहित अन्य क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ सरकार के संरक्षण में हो रहे मतांतरण पर राज्यसभा सदस्य रामविचार नेताम ने चिंता जाहिर की है। नेताम ने सुकमा में आदिवासियों के मतांतरण होने पर पुलिस अधीक्षक की स्वीकारोक्ति और सरकार के जिम्मेदार मंत्रियों के परस्पर विरोधी बयानों को अत्यंत गंभीर और चिंताजनक बताया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर नेताम ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।
नेताम ने आरोप लगाया कि आदिवासी बाहुल क्षेत्रों में हो रहे मतांतरण में प्रदेश सरकार का संरक्षण और संलिप्तता स्पष्ट है। यह स्थिति केवल सुकमा जिले में ही नहीं है, कमोबेश यही स्थिति पूरे प्रदेश में है। प्रदेश सरकार के मंत्रियों द्वारा मतांतरण के पक्ष में बयान देकर आदिवासियों की मूल संस्कृति, अस्तित्व एवं अस्मिता को नष्ट करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। इस पर आने वाले समय में आदिवासी समाज एकजुट होकर करारा जवाब देगा।
वहीं, पूर्व मंत्री और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप ने कहा कि मतांतरण पर प्रदेश सरकार कांग्रेस नेतृत्व की वर्क एजेंसी के तौर पर काम कर रही है। प्रदेश में टकराव के चिंताजनक हालात बन रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार अपने सियासी ड्रामों में ही मशगूल है।
आदिवासियों के संरक्षण के नाम पर सत्ता पर काबिज हुई कांग्रेस के शासनकाल में एक तरफ नक्सली हिंसा बढ़ी है, तो दूसरी तरफ अब मतांतरण का यह कुचक्र बेखौफ चल रहा है। अपने घिनौने उद्देश्यों की पूर्ति और टकराव के हालात पैदा कर रहे लोगों का संवैधानिक अधिकारों की दुहाई देना महज प्रलाप कर अपने कृत्यों को जायज करार देने की नाकाम कवायद है।