Breaking Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ के ब्राह्मण नेता उत्तर प्रदेश में संभालेंगे चुनाव की कमान
Breaking Chhattisgarh Politics: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दलों की नज़र ब्राह्मण वोटरों पर है।
By Kadir Khan
Edited By: Kadir Khan
Publish Date: Wed, 08 Sep 2021 01:06:29 PM (IST)
Updated Date: Wed, 08 Sep 2021 01:06:29 PM (IST)

Breaking Chhattisgarh Politics: मृगेंद्र पांडेय. रायपुर। नईदुनिया, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ के दिग्गज ब्राह्मण नेताओं की पूछ बढ़ गई है। उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ के दिग्गज ब्राह्मण नेताओं की पूछ बढ़ गई है। भाजपा ने पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री डाक्टर सरोज पांडे को उत्तर प्रदेश चुनाव में सह प्रभारी बनाया है। इससे पहले कांग्रेस ने राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी को मैदान में उतारा था। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उत्तर प्रदेश में चुनाव संचालन करने वाली टीम की घोषणा की। इस टीम का नेतृत्व केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान करेंगे।
इसके साथ ही सह प्रभारी के रूप में सरोज पांडे के साथ केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, अर्जुन राम मेघवाल, हरियाणा के पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, शोभना करणदलाजे, विवेक ठाकुर और अन्नपूर्णा देवी को जिम्मेदारी सौंपी है। भाजपा ने पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडे को बनाया सह प्रभारी, बता दें कि कांग्रेस ने राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी को भी इससे पहले चुनाव के लिए मैदान में उतारा था।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दलों की नज़र ब्राह्मण वोटरों पर है। यही कारण है कि बसपा और सपा ब्राह्मण सम्मेलन कर रहे हैं। कांग्रेस ने छह महीना पहले ही ब्राह्मण नेता राजेश तिवारी को उत्तर प्रदेश में प्रभारी सचिव बनाया था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सलाहकार राजेश तिवारी बूथ स्तर के मैनेजमेंट पर काम कर रहे हैं। भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की टीम में राष्ट्रीय महामंत्री की जिम्मेदारी निभाने वाली सरोज पांडे को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। इससे पहले सरोज को महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य का प्रभारी बनाया गया था।
मोदी लहर में हार गई थी चुनाव
राज्यसभा सदस्य सरोज पांडे वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार थी। पार्टी की आंतरिक कलह और बड़े नेताओं की गुटबाजी के कारण प्रदेश के एकमात्र सीट दुर्ग में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा ने इस हार की जब समीक्षा की तो पता चला कि तेजतर्रार नेता सरोज पांडे आपसी गुटबाजी के कारण हार गई। इसके बाद इन्हें पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की टीम में राष्ट्रीय महामंत्री बनाया गया। सरोज पांडे के नाम एक ही समय में महापौर, विधायक और सांसद होने का रिकॉर्ड है। वे दुर्ग की महापौर , वैशाली नगर से विधायक और दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुनी गई थी।
रमन विरोधी खेमे की मानी जाती हैं सरोज
छत्तीसगढ़ भाजपा की राजनीति में सरोज पांडे को पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के विरोधी खेमे से जोड़ा जाता है। 15 साल भाजपा की सरकार में कई बार सरोज पांडे का नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में आया, हालांकि वह सफल नहीं हो पाई। सरोज मूल रूप से उत्तर प्रदेश की हैं, हालांकि उनका परिवार तीन पीढ़ी पहले छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में आकर बस गया था। बाद में वे भिलाई शिफ्ट हो गई।