
नईदुनिया प्रतिनिधि, जांजगीर चांपा: भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा सोमवार जांजगीर-चांपा के दौरे पर थे। यहां उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि झीरम घाटी में हुए माओवादी हमले में कांग्रेस के लोगों ने ही कांग्रेसियों को मरवाने का काम किया है। ये पहली दफा है जब झीरमकांड में भाजपा के किसी शीर्ष नेता ने इस तरह सीधे कांग्रेसियों को कटघरे में खड़ा किया हो।
नड्डा यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि झीरम घाटी कांड की जानकारी उनके बीच के लोगों को थी। जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो क्या होगा? कांग्रेस ने माओवादियों का तुष्टिकरण किया। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने माओवादियों से देश को मुक्त करने का अभियान शुरू कर दिया है। मार्च 2026 तक माओवादी हिंसा समाप्त हो जाएगी। नड्डा जांजगीर चांपा में आयोजित ‘जनादेश परब’ कार्यक्रम में जनता को संबोधित कर रहे थे।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में 2013 में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने सत्ता पाने के लिए परिवर्तन यात्रा शुरू की थी। 25 मई 2013 को जब यह यात्रा सुकमा से जगदलपुर लौट रही थी। उसी दौरान माओवादियों ने झीरम घाटी के पास हमला कर दिया। इस हमले में तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल समेत कई कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता और जवान समेत 30 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
नड्डा ने आरोप लगाया कि भूपेश बघेल की सरकार ने माओवादियों से समझौता कर तुष्टिकरण की नीति अपनाई। झीरम घाटी की वो घटना जब अपने ही लोगों की जानकारी माओवादियों को देकर उन्हें मरवाने का काम कांग्रेस के लोग कर रहे थे।। माओवादी हिंसा से प्रभावित ऐसे छत्तीसगढ़ में माओवादियों को आने वाले समय में जड़ से मिटाने का प्रण केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया है।। व
र्तमान हालात पर नजर डालें तो दो हजार पांच सौ माओवादी मारे जा चुके हैं और 1853 गिरफ्तार किए जा चुके हैं।। इसके अलावा हिड़मा व वसव राजू जैसे नामों माओवादियों को मारने का काम भी भाजपा की सरकार ने किया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय,केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू समेत मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य मौजूद रहे।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा के जेपी नड्डा के आरोपों पर कड़ा पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने माओवादी हमलों में अपने नेताओं को खोया है और सांठगांठ का आरोप लगाना बलिदानियों का अपमान है। उन्होंने पूछा कि जब कांग्रेस सरकार माओवादी हमलों के पीछे के षड्यंत्र की जांच कराना चाहती थी, तब भाजपा ने कोर्ट के माध्यम से जांच क्यों रुकवाई?
उन्होंने पूछा कि भाजपा षड्यंत्रकारियों के चेहरे सामने आने से क्यों डर रही थी? इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि अब जब झीरम घाटी हमले के कथित हमलावर हिरासत में हैं, तो क्या वर्तमान सरकार उनसे इस गहरी साजिश के बारे में पूछताछ करेगी?