अभिषेक राय, रायपुर। CG Elecltion 2023: गुढ़ियारी के भारत माता चौक पर भव्य प्रतिमा और अशोक चक्र देखने के बाद लोगों को खुद एहसास हो जाता है कि यह रायपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र (Raipur West assembly constituency) है। वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद रायपुर शहर विधानसभा को तीन विधानसभा क्षेत्र में बांटा गया, जिसमें एक रायपुर पश्चिम है। यहां से रमन सरकार में ताकतवर मंत्री रहे राजेश मूणत ने तीन बार प्रतिनिधित्व किया, लेकिन पिछले चुनाव में जब बदलाव की लहर चली तो कांग्रेस के विकास उपाध्याय ने मूणत को पटखनी देकर इस सीट पर पहली बार कांग्रेस का झंडा बुलंद किया। यह भारतमाता की मूर्ति राजेश मूणत के कार्यकाल के आखिरी दिनों में बनी, वहां उन्होंने कई कार्यक्रम आयोजित किए, लेकिन अब विकास उपाध्याय यही से अपने हर उस अभियान की शुरुआत करते हैं।
नईदुनिया की टीम जब भारतमाता चौक पहुंची तो वहां मौजूद लोगों ने दलों की सीमा से उपर उठकर पिछले चार साल में आए बदलाव बात की। भारत माता चौक के पास इलेक्ट्रानिक्स की दुकान के संचालक अजय तिवारी ने कहा कि इस विधानसभा में सड़क, बिजली, पानी की कोई दिक्कत नहीं है। मुख्य मार्ग तो पहले से ही चमक रहे थे, पिछले चार साल में बस्तियों और कालोनियों की सड़कों और नालियों को सुधारने का काम किया गया। हालांकि अजय के बगल में बैठे तेलगू समाज के रवि नायडू ने इस बात पर नाराजगी जताई कि बड़े-बड़े विकास कार्य करने के बाद भी वोटरों ने भाजपा के पक्ष में मतदान नहीं किया।
कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय को उनकी मिलनसार छवि के चलते वोट मिला, लेकिन कांग्रेस सरकार में प्रभावशाली होने के बावजूद वे कोई बड़ा प्रोजेक्ट अपने विधानसभा क्षेत्र में नहीं ला पाए। मंगलवार और शुक्रवार को गोगांव हाट-बाजार लगता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां रेलवे ट्रैक पर रेलगाड़ियां रुक जाती थी, तो घंटों जाम लगा रहता था। भाजपा सरकार में अंडरब्रिज का निर्माण तो शुरू हुआ, लेकिन रुक गया। अब इसके पूरा होने से हजारों लोगों को राहत मिली है। हाट बाजार से सड़क किनारे फैले संयंत्रों से निकलने वाली काली राख से न केवल प्रदूषण हो रहा है, बल्कि लोगों का स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है। लोगों ने कहा कि इन समस्याओं को दूर करने के लिए विधायक की तरफ से कोई ठोस पहल नहीं की गई।
पेयजल की व्यवस्था टैंकर मुक्त का दावा
विधायक प्रतिनिधि संदीप तिवारी ने बताया कि रामनगर में पेयजल की दिक्कत थी। टैंकरों से आपूर्ति होती थी, जो अब बंद हो गई है। जगह-जगह बोर कराए गए और कई साल से लंबित पाइप लाइन विस्तार को पूरा किया गया। भारत माता चौक में पानी टंकी को राइजिंग लाइन से जोड़ा गया है। पुराने एवं प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार हुआ है। लोगों की सुरक्षा के लिए क्षेत्र के महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा लगवाया गया है। विधायक तुंहर दुआर कार्यक्रम के तहत पूरे 20 वार्डों में भ्रमण कर वार्डवासियों की समस्याओं से अवगत होकर मौके पर ही निदान किया गया।
राजनीति की भेंट चढ़ा सरोना का विकास
नईदुनिया की टीम गोगांव के बाद कोटा, महोबा बाजार, टाटीबंध होते हुए सरोना पहुंची। यहां पर कई सरकारी अस्पताल नजर आए, जिसमें कुछ संचालित तो कुछ निर्माणाधीन थे। सरोना के बीच से खारून नदी गुजरी हुई थी। नदी में दूर-दूर तक पानी की जगह जलकुंभी ही दिखाई दे रही थी। नईदुनिया की टीम ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंची। ट्रेंचिंग ग्राउंड में देखरेख के अभाव में एक करोड़ चालीस लाख रुपये में लगाए अधिकाश पौधों सूख गए थे। पौधे की सिंचाई के लिए लगाई गई पाइपलाइन टूटी थी। आग लगाकर पौधों को जलाया गया था, जिसकी राख अब भी पड़ी थी। आगे एक चाय दुकान पर हुई चर्चा में लोगों ने बताया कि सरोना का विकास रूका हुआ है। जब भाजपा सरकार थी तो कांग्रेस का पार्षद था। अब कांग्रेस सरकार में भाजपा का पार्षद है। इसके कारण यहां का विकास रुक गया है।
समाज और कालोनियों की मांग पर हुआ काम: विकास उपाध्याय
विधायक और संसदीय सचिव विकास उपाध्याय का कहना है कि रायपुर पश्चिम विधानसभा में पीने का स्वच्छ पानी, रोड, नाली, बिजली, स्वास्थ्य, साफ-सफाई की व्यवस्था बेहतर की गई। कई सामुदायिक भवन और चौक-चौराहों का निर्माण कराया गया। तेलघानी नाका और अशोक नगर-गोगांव अंडरब्रिज के निर्माण से लाखों लोगों को राहत मिली है। आत्मानंद इंग्लिश मीडियम के चार तथा हिंदी मीडियम के एक नए स्कूल खोले गए हैं। शीतला तालाब, डूमर तालाब, छठ तालाब, रामकुंड समेत कई तालाबों का सुंदरीकरण कराया गया है।
एक भी नया काम बता दें: मूणत
पूर्व विधायक राजेश मूणत ने कहा कि वर्तमान विधायक छात्र राजनीति से आए हैं। उनके आने के बाद से नालंदा परिसर की हालत देख लीजिए, या साइंस कालेज के पास चौपाटी का निर्माण देख लीजिए। यहां पढ़ाई का माहौल खराब करने की साजिश रची जा रही है, यह किसी से छिपा नहीं है। इसके अलावा सरोना ट्रेंचिंग ग्राउंड चार साल बाद भी जस का तस है। चुनाव के समय यहां के लोगों की सुविधा देने का वादा किया गया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ। प्रदूषण की स्थिति अब भी जस की तस है। पिछले चार साल में न कोई नया स्कूल खुला, न स्वास्थ्य केंद्र और न ही लोगों की सुविधानुसार कोई विकास कार्य किया गया।