नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित आबकारी घोटाले की जांच कर रही आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो (ACB) ने सोमवार को विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) रायपुर में आबकारी विभाग के 29 अधिकारियों के खिलाफ चतुर्थ पूरक अभियोग पत्र प्रस्तुत किया। इन अधिकारियों पर साल 2019 से 2023 के बीच लगभग 2174 करोड़ रुपये की बिना ड्यूटी पेड शराब की अवैध बिक्री में संलिप्तता का आरोप है।
EOW/ACB द्वारा प्रस्तुत पूरक चालान में सहायक जिला आबकारी अधिकारी से लेकर उपायुक्त आबकारी अधिकारी स्तर तक के अफसरों को आरोपी बनाया गया है। इनमें प्रमुख नाम अनिमेष नेताम, विजय सेन शर्मा, अरविंद कुमार पाटले, प्रमोद कुमार नेताम, रामकृष्ण मिश्रा, विकास गोस्वामी, इकबाल खान, नितिन खंडुजा सहित 29 अधिकारी शामिल हैं, जिनमें कई अधिकारी सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं।
EOW ने बताया कि इन अधिकारियों की भूमिका उन 15 प्रमुख जिलों में रही है, जहां शासकीय शराब दुकानों में समानांतर रूप से 'बी-पार्ट' शराब (बिना ड्यूटी चुकाई गई) बेची जा रही थी। ये अधिकारी न केवल जिला स्तर पर प्रभारी थे, बल्कि राज्य स्तरीय समन्वयक की भूमिका में भी थे।
जांच के अनुसार, बिना ड्यूटी पेड शराब की बिक्री करीब 60,50,950 पेटी तक पहुंची, जिसकी अनुमानित कीमत 2174 करोड़ रुपये है। इस अवैध बिक्री की राशि सीधे सिंडीकेट तक पहुंचाई जाती थी, जिसमें अधिकारियों को मोटा कमीशन मिलता था। ये कार्य देशी शराब की अधिक खपत वाले जिलों में किया गया, जहां डिस्टलरियों से अवैध रूप से अतिरिक्त शराब सीधे दुकानों तक पहुंचाई जाती थी।
EOW की जांच में पाया गया कि इस नेटवर्क में सेल्समैन, सुपरवाइजर, आरक्षक, मैनपावर सप्लाई एजेंसी के अधिकारी, सिक्योरिटी एजेंसी कर्मचारी और एजेंट शामिल थे। लगभग 200 लोगों के बयान और डिजीटल साक्ष्य के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया।
शुरुआती जांच में आबकारी घोटाले की अनुमानित राशि 2161 करोड़ रुपये बताई गई थी। लेकिन अब नई जांच में यह आंकड़ा 3200 करोड़ रुपये से अधिक आंका जा रहा है। विदेशी शराब पर लिए गए कमीशन की जांच अभी चल रही है।
चालान के अनुसार, सभी 29 आरोपी अधिकारियों को नोटिस देकर अदालत में पेश होने को कहा गया था, लेकिन वे कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। अब उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
घोटाले की जांच के दौरान अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी, कवासी लखमा सहित कुल 13 आरोपियों को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है। कुल 70 लोगों को नामजद किया गया है और विवेचना अभी जारी है।