नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। Chhattisgarh Lok Sabha Election 2024: देश में लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां अपना एजेंडा सेट कर रही हैं। भारतीय जनता पार्टी विकसित भारत @ 2047 नारे के साथ चुनाव मैदान में है। विपक्षी पार्टियां इस नारे को जुमला बताने में लगी हैं। वहीं, शिक्षा से जुड़े लोगों के बीच अलग तरह की चर्चा है। इनके बीच 2004 के आम चुनाव की चर्चा है।
इनका कहना है कि 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाले एनडीए ने सत्ता में वापसी के लिए इंडिया शाइनिंग (भारत उदय) का नारा दिया था। इंडिया शाइनिंग के जरिए भारत को एक ओर उभरता और चमकदार देश बताया जा रहा था, तो दूसरी ओर जमीनी पर आंकड़े कुछ और ही कहानी कह रहे थे। इस अभियान के द्वारा यह बताने की कोशिश की गई कि बीजेपी सरकार में देश की काफी तरक्की हुई और लोगों के जीवन में भारी बदलाव आया है। इंडिया शाइनिंग कैंपेन को देखकर सभी राजनीतिक पंडित एनडीए की वापसी तय मान रहे थे। सभी एग्जिट पोल में एनडीए की सरकार बनती दिखाई दे रही थी, लेकिन जब चुनाव परिणाम आए तो कहानी पूरी बदल गई। एनडीए को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। देश में यूपीए की सरकार बनी।
शिक्षा से जुड़े लोगों का कहना है कि आरबीआइ के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन द्वारा भारत के आर्थिक विकास के डेटा को जिस तरह बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जा रहा है, उस पर भरोसा करना भारत की सबसे बड़ी भूल होगी। 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के लक्ष्य को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि अगर आपके बच्चों के पास 10वीं तक शिक्षा नहीं है और ड्राप-आउट रेट्स बेहद ज्यादा है तो ऐसे में इन लक्ष्यों को हासिल करने की बातें करना बेकार है। देश में ढांचागत समस्याएं बहुत हैं, जिन्हें हल किया जाना चाहिए। मौजूदा समय में शिक्षा और कामगारों के स्किल में सुधार लाना सबसे बड़ी चुनौती है।
पढ़े-लिखे युवा सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल उठा रहे हैं। जिन विपक्षी नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, जांच चल रही है, उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कर सांसद बना दे रहे हैं। वहीं, जो आपके साथ नहीं आ रहे हैं उनके खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियां लगा दे रहे हैं। जो युवा किसी भी विचारधारा से प्रभावित नहीं हैं, उनके बीच में चर्चा है कि देश में एक दर्जन से अधिक भ्रष्टाचारी नेता पिछले कुछ महीने में सरकार के साथ जुड़े हैं।
किसानों की आय दोगुनी करने का भी था संकल्प
सत्ता में काबिज होने के बाद एनडीए सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प लिया था, लेकिन किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई। किसानों को अपने अधिकारों के लिए लड़ना पड़ रहा है। सरकार में बैठे लोग ये नहीं बता पा रहे हैं कि किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प का क्या हुआ।